पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/१२९

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१०२] हिंदुई साहित्य का इतिहास भक माल’ के कई संकलन हैं; किन्तु इन विभिन्न संकलनों में मूल ‘छप्पय’ नामक बंद हैं, जो एक प्रकार की छोटी-सी कविता है। जिसका उल्लेम्स मैंने ऊपर हिन्दुई और हिन्दुस्तानी रचनाओं के प्रधान प्रकारों को पहली सूची में किया है । यहाँ ये छन्द वैष्णव संतों के संबंध में हिन्दुई या पुरानी हिन्दी में लोकप्रिय धार्मिक भजनों या गीतों के रूप में हैं, जो अत्यन्त प्रसिद्ध हैं और जो नाभा जी की देन हैं । उन्हें नारायणन दास ने सुधाग और पहले कृष्ण-दास ने, फिर बहुत याद को प्रियादास ने विमनित किया । इस इतिहास के प्रथम संस्करण के प्रकाशन के समय, मैं केवल 2ए दास का संकलन देख सका था । अघ ने प्रियादास बाला भी देख लिया है, जिसकी एक इस्तलिखित प्रति, मेरे विच।र से यूरोप में अद्भुतमेरे पास है । ५२‘मकबून-इ निकात- भापितों का नजाना. श्रथबा निकात श्शु' अरासुभाषितअर्थात् कवियों के सुन्दर वचन, काइम क़ियामुद्दीन) कृत । ‘तगकात ’ -श्रेणियाँनामक तीन भागों में विभाजितऔर फलतः, इसी प्रकार की एक अन्य रचना की तरह जिसका उल्लेख मैं आगे कf गा, ‘तबकात-ई श ' अग7वे -—कवियों की श्रेणियाँ शीर्षक भी ग्रहण करने वाले, इस तज्ञक्राि’ से मुझे नई बातें शात हुई हैं । ५३. ‘मजमुवा उल्इन्तिलात्र-संक्षिप्त संग्रह, संग्रहों में से संग्रह, कमाल (फ्कोर शाह मुहम्मद) कृत 1 प्रस्तुत द्वितीय संस्करण के लिए अट्टा वन नए लेख इस रचना से लिए गए हैं जिनमें से अनेक रोचकता से पूर्ण हैं । दुर्भाग्यवश जिस हस्तलिखित प्रति का मैं उपयोग कर सका हूं वह सुन्दर नंरतलीक में होते हुए भी बड़ी बुरी तरह से लिखी गई है; संग्रह भाग के लिए वह विशेषतः अनुपयोगी सिद्ध हुई । ५. ‘मजमुना-इ नम्ब'- सुन्दर संग्रह, दिल्ली के, कासिम ( सैयद अंबुल कासिम) कृत 1 प्रस्तुत नवीन संस्करण के परिवर्द्धन के लिए इस तेज़ुफिरा