पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/१३१

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१०४ } हिंदुई साहित्य का इतिहास ६०. ‘राग कल्ष द्र म’- रागों अथवा संगीत शैलियों का भाग्यशाली हूं, कृष्णानन्द व्यासदेवउनके द्वारा प्रकाशित संग्रह के कारण, उपनाम ‘राम सागर’ ( ‘रागों का समुद्र’ ), कृत लगभग १८०० चपेजी पृष्ठों की जल्द में हिन्दी के लोकप्रिंय गीतों का मुंहत् संग्रह। ६१. ज़त उश्शु' अरा -कवियों का बाग, वलीम (मुहम्मद हुसेन) कृत, हिन्दुस्तानी कवियों पर कविता, ‘त किर।’ के रूप में ली जा सकती है । ६२, ‘सभा विलास सभा का आनन्द, हिन्दी कविताओं का संह पंडित धर्म नारायण कृतजिनका तखल्लुस ज़मीर है। ६३. सरापा सुनन’पूर्ण वाक्पटुता, लखनऊ के, मुहसिन कृतविषय के अनुसार क्रम में रखे गए सात सौ हिंन्दुस्तानी कवियों के चुने हुए अशों का, उनके रचयिताओं से संबंधित संक्षिप्त सूचनाओं सहितसंग्रह ' प्रस्तुत द्वितीय संस्करण के लिए यह रचना बहुत उपयोगी सिद्ध हुई है । ६४. सर्वइ आज़ाद—याज़ाद देवदार (साइप्रेस, अर्थात् आााद का देवदार, इस ‘तक्रािका उल्लेख अबुलझसन ने अपने मसर्रत अफ़्रा' में किया है, जिसे उर्दू कवियों से संबंधित अनुमान किया जाता है, हालाँकि एन० ब्लैंड ( Bland ) ने उसका फ़ारसी कवियों के तकि' में उल्लेख किया है । दोनों अनुमान मान्य हैं : ऐसे भारतीय कवि हैं जिन्होंने प्राय: फ़ारसी में लिखा है, और ऐसे भी हैं जिन्होंने हिन्दुस्तानी में लिखा है; आजाद स्वयं हिन्दुस्तानी के कवि थे और अत्यन्त प्रसिद्ध कवि थे । इससे मेरी बात का समर्थन होता है, क्योंकि आज़ःद 'ख़ज़ान इ अमीर -भरापूरा - लबाना--शीर्षक विशेषत फ़ारसी कवियों के एक दूसरे ‘तल कराके रचयिता हैं । ६५. ‘सुजान चरित्र'-सज्जनों का विवरण, कवि सूदन कृत, दो सौ से अधिक हिन्दुई कवियों की एक प्रकार की जीवनी । ६६ . ‘सुहुई इनाहीम-इब्राहीम के पृष्ठ, यह शीर्धक रचयिता, खलील,