पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/१६०

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अम्बरदास [ ५. क्या थे और ‘अमृत राजा, औरंगाबाद के ब्राह्मणहिन्दुस्तानी में लिखित निम्न रचनाओं के रचयिता, एक ही तो नहीं हैं : १. ‘वामा जी पन्त की रसद--दामा जी का सच्चा इतिहास के २. सुक चरित्र' तोते की कहानी ; ३५ झूब चरित्र, ध्रुव तारे का इतिहास ४. ‘सुदामा चरित्र’-सुदामा की कथा ; ५. ‘द्रौपदी वस्त्र हरण ' द्रौपदी के वस्त्रों का हरा जाना ; ६ . ‘मार्कण्डेय बर चूर्णिीका' -मार्कण्डेय पुराण के अनेक चुने हुए अंश : ७‘रामचन्द्र वर्णन वर'—रम का श्रेष्ठ चित्रण ; ८ ‘शिवदास बर्ग —शिवदास की प्रशंसा; 5. गणपति बालूगणेश की प्रशंसा ; १०. दूस यात्रा' दूर की यात्रा। अम्बरदास ‘आरसो झगड़ा-झारसी का झगड़ा शीर्षक एक हिन्दी कविता, कृष्ण और एक गोपी के बीच श्रृंगारपूर्ण वार्तालाप, के रचयिता हैं; १६८ में आगरे से प्रकाशितआठ अठपेजी पृष्ठ ! अम्मर दास सिक्खों के तीसरे गुरु और स्वयं भल्ला( Bhallah ) नामक विशेष सिक्ख संप्रदाय के संस्थापक, हिन्दी कविताओंजो ‘आदि ग्रथमें हैं, के रचयिता हैं। ७ डी० कनिंघम कृत सिक्खों का इतिहास, ०३८६ में उनकी कविताओं में से, उनमें प्रकट किए ' भा० ‘आकाश का दास’ २, भा० संभवतः ‘अमरदास देवता का दास' के लिए