पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/१८०

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कबीर [२५ कबीर की साखियों का बयाज-इ साषी कबीर" अथोत् कबीर की साषियों का अल्बम शीर्षक से संग्रह किया गया है । सब कवि ताएँ सामान्य हिन्दी छन्दों दाहा, चौपाई, समई ( Sanai ) में लिखी गई हैं । कबोर के नाम से कही जाने वाली सभी रचनाओं की सूची इस प्रकार है । ये सब बनारस के ‘चौरानामक स्मारक में कबीर पंथियों द्वारा सुरक्षित ‘खास अंध’ अर्थात् श्रेष्ठतम पुस्तक शीर्षक संग्रह में संग्रहीत हैं । १. सुख निधान, अर्थात् सुख का घर । यह पुस्तक और सब दूसरी पुस्तकों की कुंजी है : इसमें स्पष्टता और सुबोधता का उत्तम गुण है । इसमें कबोर के वचन धर्मदास के प्रति हैं, यद्यपि यह शुतगोपालदास नामक एक दूसरे शिष्य द्वारा लिखी प्रतीत होती है; - २, ‘गोरखनाथ की गोष्ठी', कबीर का गोरखनाथ के साथ वाद- विवाद, अथवा ‘गोरखनाथ की कथा'; ३. कबीर पाँजी कबीर की पत्रिका के ४. ‘बलखी ( बलख की ) रमैनी-बोध की कविता ; ५. ‘रामानंद की गोष्ठी' 1 इस पुस्तक में कबीर का रामानन्द के साथ वादविवाद है : ६. आनन्द राम सागर' या 'आनन्द सार ; ७. ‘शब्दावली' ; ८. 'मंगल, सौ छोटी कविताएँ; संभवतः बिल्व मंगल कृत ‘मंगलाचरण ' ; १ इस रचना की एक प्रति का उल्लेख फरजाद कुलां की पुस्तकों की हस्तलिखित सूची में , सूचो जो वास्तव में रॉयल एशियाटिक सोसायटी की है ।