पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/१८७

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३२ ? हिंदुई साहित्य का इतिहास कम बाई सिक्खों के शंभु ग्रंथ’ में सम्मिलित धार्मिक कविताओं की रवयिता, एक प्रसिद्ध महिला हैं। कान्हा ठक७ कण्द्र के एक अत्यन्त पवित्र ब्राह्माण हैं, जो शक संवत् १६०० ( १६७८ ई॰) में हुए , और जिन्होंने एक सौ बीस भागों में नामा पाठकी अश्वमेध’ नामा पाठकी द्वारा अश्व की बलि -की रचना की। कालिदास ' । एक हिन्दी लेखक हैं जिनके केवल नाम का मैं उल्लेख कर सकता हूँ किन्तु इसी नाम के प्रसिद्ध संस्कृत कवि और इस लेखक के बीच गड़बड़ नहीं होनी चाहिए। कालीचरण२ ( बाबू ) ” ( उर्दू रचनाएँ ). x ३. ‘सी धर्म संग्रह'स्त्री के गुणों का संग्रह, ताराचंद द्वारा संस्कृत से अनूदित पुस्तक रुहेलखण्ड १८६८, ४ आठवेजी पृष्ठ ; १ भ० ‘देवों मास्य' २ किम्सनएशियाटिक रिसचेंज, जि० १७, ४० २३८ 3 इन शब्दों में से पहला कृष्ण का नाम है, और दूसरा एक उपाधि है जो गावों को दी जाती हैं और जिसका अर्थ है पढ़ाने वाला’ ( प्रोफ़ सर )। ४ सा० 'देवो काली या दुर्गा का दास’ ५ सा० ‘काली ( दुर्गा के पैर’