पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/१८८

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

काशीदास [ ३३ ६. ‘गणित सार'–गणित का सार तत्व, हिन्दी में, बरेली, १८६८४८ अठपेज पृष्ठ । काशीदास' मटिगमग्री मार्टिन द्वारा उल्लिखित हिन्दुई के कवि हैं । शायद ये वही काशी राम हों, जो दिसम्बर१८४५ के कलकत्ता रिव्यू' के एक लेख में एक हिन्दी ‘महाभारतके रचयिता बताए गए हैं? काठी-नाथ ( उर्दू के लेखक के रूप में उल्लेख ) एक काशीनाथ भतृहरि राजा का चरित्र' शीर्षक हिन्दी काव्य के रचयिता हैं, जो १६२१ संवत् (१८६५ ) में अंगरे से मुद्रित हुई है, २२ छोटे अठपेजी पृष्ठ । निस्संदेह यह बही रचना है जो मेरा विश्वास है लाहौर से ४० पृष्ठों में निरसा-भरीके शीर्षक के अंतर्गत प्रकाशित हुई है ।' काशीप्रसाद ’ इश्रतबाद के निवासी हिन्दू, लक्ष्मीनारायण के पुत्र तथा देवी प्रसाद के प्रपौत्र हैं, उन्होंने पटना के दुर्गा प्रसाद के निरीक्षण में, जनवरी१८६५ में लखनऊ से, ११-११ पंक्तियों के १८-बीस पृष्ठों में एक पद्यात्मक ‘बारह मासा’ प्रकाशित किया है । १ भा० बनारस का दास’ २ जे० लौंगइंक्रिप्टव लौग', १८६७७० ६६ 3 भा० ‘बनारस का दिया हुआ' फा०-३