पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/१८९

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३४ ! । हिंदुई साहित्य का इतिहास किशन लाल' ( मुंशी ) आगरे के ‘इजद किशन' नाम छापेखाने के संचालक हैं, और उन्होंने, अन्य के अतिरिक्त, दायरा-इ-इस्म' ज्ञान की परिधि ( अर्थात् छोटा विश्वकोष ) प्रकाशित किया है । वे रचियता हैं : १. ‘भूगोल प्रकाश’ संसार की व्याख्या - के, भूगोल : आगरा १८६२, २४ अठखेजी पृष्ठ के ३- ‘भूगोल सार'-संसार का वर्णन-सार-—के, १८ पृष्ठों का एक और भूगोल : आगरा१८६४, अठपेजी । उन्होंने ‘कैलास का मेला२( शिव के ) स्वर्ग का मेला - का संपादन किया है। ८ पृष्ठों की हिंदी कविता ; १८६८ में आगरे से मुद्रित। कुंज बिहारी लाल ( पंडित ) रचयिता हैं : १. श्री टाटे (Tate ) की अँगरेजी रचना हिन्दी में अनूदित, किन्तु पेस्टालाजी ( Pestalozzi ) के सिद्धांतनुसार सरल किए हुए सुलभ बीजगणितसरल वीज गणित - -के) इलाहाबाद, १८६८० द्वितीय संस्करण , १३६ अपेजी पृष्ठ ८ २. ‘रेखामितितत्व’—ज्यामिति के सिद्धान्त- के, श्री टाटे की अँगरेजी रचना से ही अनूदितइलाहाबाद१८६१, द्वितीय संस्करण, १३६ अठपेजी पृष्ठ ; मैं भा० ‘कृष्ण का लिय ३ आगरे के एक स्थान में इसी नाम का मेला लगता है । 3 ,० ‘बा का कुंज