पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/१९०

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[ ३५ ३. ‘त्रिकोणमित्र'ट्रिग्नोमैट्री के, पहली रचनाओं की भाँति ही श्री टाटे से अनूदित; और लघु त्रिकोणमित्र’ -छोटी ट्रिग्नोमैट्री के आगरा१८५५ , ६८ ठपेजी ष्ठ ; ४, कल विदाहरणप्रकृति विज्ञान और मशीन संबन्धी अभ्यास —के ; उसी से अनूदित ; ५ . बाल विद्यासार—भौतिक शक्ति --विज्ञान का सार--के, श्री टी० बुकर ( Buker ) कृत Statics and dynamics' ( वील्स-Weale's-सीरीज ) का अनुवाद ६. ‘खगोल विनोद'ग्रहों सम्बन्धी विनोद के, रेवरेंड एल. टौलिन्सन कृत ‘Recreations in Astronomy' का हिन्दी अनुवाद के आगरा , २२२ अठपेजी पृष्ठ, और रुड़की, १८५१, २२२ ० चित्रों सहित ; ७, बीजात्मक रेखागणितके, हान (Hann ) कृत ‘Conic Sections ' ( वील्स सीरीज़ ) का अनुवाद ; श्र एव० एस० रीड ( Recid ) की देशी शिक्षा पर रिपोर्ट में अंतिम तीन रचनाएँ प्रेस में बताई गई हैं : आगरा१८५४, ० १५२, १५३ । कु जंपति' ( मिश्र ) रस रहस्य'—रस सम्बन्धी भीतरी बातें और लोकप्रिय गीतों के रचयिता हिंदुई के एक कवि हैं। कृष्ण ( या किशन ) जायसी अकबर की आज्ञा से किए गए उलुबेग कृत न्यू ऐस्ट्रोनॉमिकल टेबिल्स’ (‘नवीन नक्षत्र तालिका’ ) का हिन्दुई अनुवाद करने में १ भा० कुल का स्वामो’