पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/१९१

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३६ ] हिंदुई साहित्य का इतिहास अबुल फजलफतह उल्लाहगंगाधर, महेश और महानन्द के एक सहकारी ।' कृष्णदत्त ( पंडित ) आगरे के केन्द्रीय स्कूल में हिन्दी के सहायक प्रोफ़ेसर, रचयिता हैं : १. बुद्धि फलोदयबुद्धि के फलों का प्रकटीकरण के, हिन्दी कथा जिसमें उन्होंने एक अच्छे और एक बुरे नवयुवक को उनके अपने निजी चरित्र की दृष्टि से एक दूसरे के विरुद्ध रखा है । यह वही रचना है जिसका किस्सा- सुबुद्धि कुबुद्धि' शीर्षक के अन्तगर्त उर्दू में अनुवाद हुआ है । दोनों रूपान्तर उत्तर पश्चिम प्रदेश के देशी स्कूलों में पढ़ाए जाते हैं ।बुद्धि फलोदय’ का प्रथम संस्करण आगरे से हुआ है, १६२० अठपेजी पृष्ठ ; २. कृष्णदत्त पं बंशीघर की सहायता से एक मराठी पुस्तक से हिन्दी में अनूदित सत्य निरूपण’-सत्य पर निबन्ध के रचयिता हैं : आगरा, १८५५ के द्वितीय संस्करण, आगरा१८६०, ८० बड़े अठखेजी पृष्ठ ; ३. सिद्धि पदार्थ विज्ञान के रूपान्तर में वंशीधर और मोहन लाल को उन्होंने सहयोग प्रदान किया। कृष्णदास * कवि (वैष्णव संप्रदाय के प्रसिद्ध भक्तों की जीवनी ) 'भक्तमाल’ की अबुलफजल पर लेख देखिए । २ मा० कृष्ण द्वारा प्रदत्त, अर्थात् कृष्ण का दिया हुआ, जैसा कि हम लोग Dieadonnd ( Deodaus ) कहते है। । ' वंशीधर और मोहनलाल पर लेख देखिए। केआ० ‘कृष्ण का दास’