पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/१९५

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४० ] हिंदुई साहित्य का इतिहास कृष्ण सिंह क्रिया कथा कौस्तुभ' शीर्षक जैन नियमावली के जैन लेखक। यह रचना सं० १७८४ ( १७२८ ईसवी सन् ) में लिखी गई थी। श्री विल्सन के पास उसकी एक प्रति है । कृष्णानंद रचयिता हैं : १. राम रत्नावली-राम के रनों की भेंट—राम से संबंधित थाएँ २. बृज बिलास’ या ‘नज बिलास’-ब्रज के आनंद के, कृष्ण से सम्बन्धित कथाएँ : कलकत्ता और बनारस से मुद्रित हिन्दी रचनाएँ।s केशवदास * ( या केशव-वामी" और चंगकेशवदास ) केशवदास, या केशव्दास, जो अधिक उचित है, हिन्दुई के १ ‘निया कथा । इस शीर्षक का अर्थ 'धार्मिक क्रियाओं की कथा का रस' कौस्तुम प्रतीत होता है। २ ‘कृष्ण का आनंद 3 इन दोनों रचनाओं का ‘जनरल कैटेलौग आंव रिएंटल वर्समें उल्लेख हुआ , वेंकर (Zenker ) द्वारा अपने बिबलियेका ओरिएंटालिस ( Bibiotheca Orientalis ) में ग्रन्थों में उल्लिखित है। । - - ४ कृष्ण दास; केशव से, जो कृष्ण के , अर्बाद का नामों में से एक हैसिर के सुन्दर बाल रखने वाला’ का तात्पर्य है, ( और दास से 'सेवा करने वाला’ )। ५ इस प्रकार का नाम इसलिए है क्योंकि वे भारतीय ओलिम्प ( Olympe ) अर्द्धदेवता, चंगदेवके अवतार के रूप में माने जाते हैं।