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हिंदुई साहित्य का इतिहास

रॉब्सन द्वारा अपने ‘सेलेक्शन ऑव ख्याल्स और मारवाड़ी पेल्ज' में प्रकाशित एक ख्याल के रचयिता हैं।

गोपी जन वल्लभ[१]

बाबू हरिचन्द्र द्वारा अपनी ‘कविवचन सुधा' संख्या ७ में प्रकाशित और ग्रंथ-सूची में अपने पिता गोपालचंद्र की बताई गई रचना, 'नहुष नाटक'–नहुष का नाटक–के रचयिता हैं।

गोपी-नाथ[२] (कवि)

श्री गोसाई गोकुलनाथ जी [३] के पुत्र और रघु-नाथ के पौत्र, 'महाभारत दर्पण'–महाभारत का दर्पण–और 'हरिवंश दर्पण'–हरिवंश का दर्पण–शीर्षक 'महाभारत’ और हरिवंश(Harivansa)[४] के हिन्दुई रूपान्तर के छंदों में से एक भाग के रचयिता हैं।

दो खंडों को छोड़ कर पहली जिल्द बिलकुल गोकुल-नाथ कृत है; कि किन्तु अन्य जिल्दें अधिकांशत: गोपी-नाथ, और उनके शिष्य, मणि-देव,कृत हैं।वास्तव में गोकुल-नाथ ने ग्रंथ का आरंभ किया था और दूसरों ने उसे समाप्त किया।

गोबिंद[५] कवि

'कर्णाभरण'–कान का आभूषण–और ‘भाषा भू भूषण'–हिन्दी में, पृथ्वी का भूषण के रचयिता, हाशिये पर नोट्स


  1. भा०'गोपियों का प्रिय व्यक्ति',अर्थात् कृष्ण
  2. भा०'गोपियों का नाथ',अर्थात् कृष्ण
  3. इन पर लेख देखिए।
  4. बंगाल की एशियाटिक सोसायटी के संस्कृत-ग्रंथो की पुस्तक-सूची मे यह इसी प्रकार दिया गया है
  5. भा०'कृष्ण का एक नाम'