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हिंदुई साहित्य का इतिहास

प्रचार ओर हिमालय के सामन्त ओर मुग़ल सम्राट के साथ युद्धों का किंवदंतियों पर आधारित इतिहास है ;[१]

४.‘चण्डी चरित्र'– देवी चण्डी की कथा, जिसने आठ दैत्यों का संहार किया जिनके नामों का उल्लेख हुआ है।[२]यह खण्ड संस्कृत से अनूदित है;

५.‘चण्डी चरित्र ' का एक और रूपान्तर ;

६. 'चण्डी की वार',चण्डी की कथा का परिशिष्ट भाग ;

७.‘ज्ञान प्रबोध'–बुद्धि की श्रेष्ठता, ‘महाभारत’ के अनुसार, प्राचीन राजाओं की ओर संकेत सहित, ईश्वर की प्रशंसा।

८.‘चाँपाइयाँ चौबीस अवताराँ कियों'-चौबीस अवतारों पर लिखी गई चौपाइयाँ, श्याम कृत;[३]

९.'महदी मीर' । यह शियाओं के बारहवें इमाम ,महदी, का प्रश्न है जो इस संसार को छोड़ चुके हैं, किन्तु जो अब भी जीबित हैं और जो अंतिम दिन उठेंगे। यह जान लेना चाहिए कि सिक्ख तथा अन्य आधुनिक संप्रदाय वालों ने मुसलमानों के प्रति , अपने- अपने समुदाय की ओर आकृष्ट करने के लिए,कुछ उदारता प्रकट की है । कुछ संप्रदाय तो हैं ही ऐसे जो मिश्रित हैं, विशेषतः कबीर- पंथियों का ;

१०.‘ब्रह्म की अवतार'–ब्रह्मा के अवतार, इन अवतारों का


  1. इसका विस्तृत विश्लेषण कनिंघम कृत 'हिस्ट्रा ऑव दि सिक्ख्'३८८ तथा बाद के पृष्ठो, में पाया जाता है।
  2. कनिंघम ने, हिस्ट्री ऑव दि सिक्ख्स',पृ० ३७३ मे ये नाम दिए हैं।
  3. ब्राह्मणों के दस अवतारों के अतिरिक्त, सिक्ख लोग नवें और दसवें के पाँच रखे गए चौदह की गणना और करते,जिनमे से सिखों के सबसे बड़े संत सारंगो समुदाय के संस्थापक, अर्दन्त देव, एक है।अधिक देखिए कनिंघम कृत हिस्ट्री ऑव दि सिकख्स', पृ० ३७४।