प्रकाशित 'जमुना लहरी—जमुना की लहर –के रचयिता हैं; बनारस, १८६५, २०-२० पंक्तियों ३६ अठपेजी पृष्ठ।
उर्दू से हिन्दी में ‘डाक बिजली का प्रकाश'– बिजली की डाक पर प्रकाश डालने वाली रचना–के अनुवाद के रचयिता; के इलाहाबाद, १८६०, चित्रों सहित ६२ बड़े अठपेजी पृष्ठ।
निम्नलिख़ित रचनाओं के रचयिता हैं :
१.'भूगोल दीपिका'—भूगोल का दीपक -अँगरेजी से हिन्दी में अनूदित; बनारस१८६०, ४८ चौपेजी पृष्ठ।
२.'संक्षेप इँगलिस्तान इतिहास' –इँगलैंड का संक्षेप में इतिहास —लकड़ी पर खुदे नकशों और चित्रों सहित ; ९५ अत्यन्त छोटे चौपेजी पृष्ठ ; आगरा१८६०।
ने समस्त विज्ञानों और सब कलाओं के अध्ययन में अपना जीवन व्यतीत कर दिया और 'कवि चरित्र'[३] में उनका हिन्दी के लेखकों में उल्लेख हुआ है।
हिन्दुई के अत्यन्त प्रसिद्ध इतिहास लेखक और कवि, ‘पृथ्वी राजा चरित्र' के रचयिता अथवा दिल्ली के अन्तिम हिन्दू राजा,