कृत ‘प्रेमसागर' [१]जो कलकत्ते से छपा है, निर्मित है और जिसमें अनेक मोलिक लंबे-लंबे शब्द सुरक्षित हैं। इस अंतिम रचना के संबंध में मैं लल्लु जी लाल पर लेख में कहूंगा।
ब्रजभाखा में गणित पर लिखे गए एक ग्रंथ के रचयिता हैं, और जिसकी नस्तालीक अक्षरों में एक हस्तलिखित;प्रति (नं०६६) ‘बीकत'[३]( Bikat ) शीर्षक के अंतर्गत केम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के पुस्तकालय में पाई जाती है।
देशी स्कूलों के निरीक्षण से सम्बद्ध, रचयिता है :
१. 'चिरंजीलाल इंशा' के...
२. 'धर्म सिंह का वृतांत' का हिन्दी से उर्दू में 'धर्मसिंह का किस्सा' शीर्षक के अंतर्गत अनुवाद के...
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५. 'शरी उत्तालीम'...यह रचना ‘शाला पद्धति’ के नाम से हिन्दी में प्रकाशित हुई है (देखिए, श्री लाल पर लेख )
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शिवप्रसाद कृत 'भारत का इतिहास' में आए हुए कठिन शब्दों के उसी रचना के नाम के आधार पर 'इतिहास तिमिर नाशक प्रकाश'–'तिमिर नाशक' को प्रकाशित करने वाला–शीर्षक कोष के रचयिता; मेरठ (Mirat), १८६७, ९२ अठपेजी पृष्ठ।