पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/२७०

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धमदास [ ११५ संध्र घोषित किया गया और वस्तुतः धना बनारस पहुँच गएवे रामानंद के शिष्थ हुए हैं और उनके अपने घर वापिस आने पर, विष्णु ने उन्हें अपने हृदय से लगा लिया। उनकी धार्मिक कविताएँ ‘आदि ग्रंथ’ के चतुर्थ खंड में संग्रहीत हैं । ध-दास कबीर के बारह शिष्यों में से एक थे। उनकी अमरमाल’ सदैव रहने वाली माला शीर्षक रचना है जिसमें उन्होंने अन्य हिन्दू संप्रदाय वालों के साथ वादविवाद का वर्णन किया है । सिक्खों शंभु ग्रंथ' में संग्रहीत पवित्र कविताओं के के रचयिता हैं। नज़ीर ( लाला गनपत राय ) दिल्ली के, कायरथ जाति के एक हिन्दू समसामयिक, शाह नसीर के शिष्य हैं और उन्हीं की भाँति हिन्दुस्तानी कविताओं के रचियिता हैं जिनके करीम ने उदाहरण दिए हैं। उन्होंने उर्दू और हिन्दी में, ‘श्रीमत् भागवत’ शीर्षक के अंत रौत‘भागवत का अनुवाद किया है , लाहौर, १८६८, ३२ अठ पेजी पृष्ठ । नन्ददास" ज्यू* रचयिता हैं. : १. कृष्ण और राधा की प्रेमलीलाओं के संबंध में, गीत १ मा० ‘धर्म की सेवा करने वाला' २ भा० ‘ब’ 3 भा० नंद दास, ( कृष्ण के कथित पिता ) नंद का दास’ के सामान्यत: ‘जो' रूप में लिखित आदरमूचक उपाधि