पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/२९५

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१४०] हिंदुई साहित्य का इतिहास परमानन्द या परमानन्द-दास' ( स्वामी ) रचयिता हैं १. लोकप्रिय धार्मिक गीतों (कविताओं-अनु०) के जो आदि ग्रन्थ’ ( चौथा भाग ) में सम्मिलित हैं, और जो निम्मलिखित रचनाओं की भाँति हिन्दी में हैं : २. ‘दधि लीला दही लीलाकृष्ण द्वारा मथुरा की गोपियों के साथ; आगरा१८६४३२ छोटे आठवेजी पृष्ठ, और बनारस१८६६ १० १२- पेजी पृष्ठ; ३. ‘नाग लीला ' सर्ष लीला, अर्थान कृष्ण का वंशी सहित शेषनाग पर खेतना में बनारस , ८ बारह-पृष्ठ; ४. ‘दान लीला'-(संतोष) देने की लीला, कृष्ण की अन्य क्रीड़ाएँ आगरा१८६४१६ बारह-तेजी पृष्ठ; और फतेहगढ़, १८६७केवल आठ पृष्ठ ! परमाल शंकर’ के पुत्र परमाल 'श्रीपाल चरित्र’ शीर्षक एक जैन ग्रंथ के रचयिता हैं । श्री विल्सन के पास हिन्दी पुस्तकों के अपने बहुसंख्यक संग्रह में इस रचना की एक प्रति है । वह इसी शीर्षक की एक दूसरी जैन रचना से नितांत भिन्न है। परशु-राम 'उषा ( या उखा ) चरित्र’ " शीर्षक हिन्दुई काव्य के रचयिता नतi थे। ईश्वर ( परम आनन्द का दा’। २ साथ मेरे विचार से बह शब्द वर्ल्ड है जो विपण परमल, या ठोक-ठोक 'परिमल’ मीठंा गंध -है । । ३ मैं नहीं जानता कि ये बड़ा व्यक्ति हैं जो शंकर आचार्य के नाम से पुकारे जाते हैं। ४ मा० विश् के एक अवतार का नाम ५ इस काव्य से एक खबरण मेरे निरोक्षण में श्री लाँसरो ( Lancereau ) द्वारा प्रकाशित हिन्दी और हिन्दुई संग्रह ( Chrestormathie ) में है।