पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/३१७

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१६२ 1 हिंदुई साहित्य का इतिहास उत्तरपश्चिम प्रदेश की सरकारी पुस्तकों के संरक्षक जॉन पास लेली Ledlic ) द्वारा आयव्यय, व्यापार आदि से सम्बन्धित राजनीतिक अर्थशान पर अँगरेजी में लिखित प्राथमिक रचना की अनुवाद है । आनुवाद अच्छा हुआ है : पहले बह जागरे से प्रकार शित हुआ, तत्पश्चात् १८५४ में इलाहाबाद से, अठखेजी ७० पृष्ठ। बच्चों के लाभार्थ राजनीतिक अर्थशास्त्र पर दस्तूर माश’ शीर्षक एक और भी अधिक प्राथमिक रचना है, १-१७ पंक्तियों के चपेजी ६४ पृष्ठ । है. ‘उद्दे मर्तण्ड-- उर्दू का सूर्य—‘कवायदुल मुतदी-- प्रारंभिक नियम-—शीर्ष उर्दू रचना का हिन्दी अनुवाद के आगरा १८५४आठभेजी १०४ ठ । १०. भोज प्रबंध सार—भोज की कहावतों का संचयन- हिन्दी टीका सहित संस्कृत में : इलाहाबाद, १८५६ और १८६२, ६० पृष्ठ का द्वितीय संस्करण ५ ६४ पृष्ठ का एक संस्करण आगरे से भी प्रकाशित हुआ है । ११. शिक्षा मंजरी--शिक्षाओं का गुच्छा-( दो भागों में ), टॉड की हिन्दुस आंॉन सेल्फ इम्प्रूवमेंट' शीर्षक रचना में एच० सी० टर्नर द्वारा चुने हुए अंशों के अनुवाद सलीमुन्नाऊंस शीर्षक उर्दू रचना का हिन्दी रूपान्तर इलाहाबाद, अठपेजी, दो भाग में, पहला संस्करण १८५६ का, २८ पृष्ठ; दूसरा १८६० का, ४३ पृष्ठ । उसके कई संस्करण हैं। १२, मवादी उलू हिसाब'गणित का प्रारंभ—'गणित' या 'रेखागणित प्रका-गणना की ज्योति का उर्दू अनुवाद, Rale of Three से लेकर Cube Root’ ( घनमूल ) तक चार भागों में । १ : लाल’ शीर्षक लेख देखिए शायद यह रचना वही है जो लाहौर के ६ मार्च १८६६ के ‘को-नूर’ में घोषितइसी शीर्षक की एक यात्मक अर्थमेटिक है।