पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/३२०

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बंसीधर ( पण्डित ) [ १६५ २४. बंसीधर ने उर्दू क़िस्सा सैंडफोर्ड और मार्टिनका सैंड- फोर्ड और मार्टिन कहानी’ शीर्षक के अंतर्गत हिन्दी में अनुवाद किया आगरा१८५४, बड़े अठपेजी; पहला भाग, ७० पृष्ठ; है, दूसरा भाग७४ पृष्ठ । २५. उन्होंने कृष्णदत्त कृत दिलचस्प नैतिक कथा ‘बुद्धि फलो- दयबुद्धि के फल का निकलना का किस्सा-इ सुबुद्धि कुबुद्धि' —एक अच्छे और बुरे आदमी का किस्सा शीर्षक के अंतर्गत अनुवाद किया है । इसके कई संस्करण हो चुके हैं; आगरे से, १८५८१८ अठपेजी 9 प्ठ, उसका मुख पृष्ठ १८२६ में स्थापित , आगरा कॉलेज के चित्र से सुसज्जित है । २६. बंसीधर ने ‘धर्मेसिंह का किस्सा’-धर्मसिंह की कहानी शीर्षक अंतर्गत इसी शीर्षक की हिन्दी रचना का के ‘धमसिंहू वृत्तांत’ या वृतांत का अनुवाद किया है । आगरा१८५८, १८ अठपेजी पृष्ठ ।२ २७. ‘खुलासा निजाम-इ शम्सी '3. - सौर जगत की झलक- आगरा स्कूल बुक सोसायटी के खर्च से ख्वाजा जियाउद्दीन के। संरक्षण में आगरे से प्रकाशित 8 नवीन संस्करण१८५७, बहुत छोटे ४४ चौपेजी प्रष्ठ । मेजर तर की आज्ञा से और अयोध्या प्रसाद के संरक्षण में इसी रचना का एक संस्करण लाहोर से १८६२ में प्रकाशित हुआ, १८ पंक्तियों के ३६ अठ पेजी पृष्ठ, चित्रों सहित। २८. उसूल इमइ हिसाब ४-गणित के सिद्धान्त लघु १ चिरंजो पर लेख देखिए। वे भी इसी रचना के अनुवादक बताए जाते है। २ इसके कई और संस्करण है। चुके हैं । ३ श्री लाल पर लेख में इनों शीर्षक की एक रचना देखिए 1 ४ उर्दू में अनूदित डि मौन की गणित का यही शीर्षक हैं। हरदेव सिंह पर लेख देखिए।