पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/३७५

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२२० 1 हिंदुई साहित्य का इतिहास मुक्ता ' बाइ हिन्दी कविताओं की रचयिता के रूप में ‘कधि चरित्र' में उल्लिखित एक विदुषी और पवित्र महिला हैं। मुक्तेश्वर विश्वम्भर बाबा के पुत्रएक हिन्दी लेखक हैं, जिनकी माता, सीता बाईऊपर उल्लिखितएकनाथ स्वामी की पुत्री थीं । उनका जन्म शक-संवत् १५३६ ( १६१७ ई॰ ) में हुआ था, और जन्म के समय वे गे थे; किंतु जोवनीलेखक जनादन के अनुसार, एक- नाथ की कृपा से वे बोलने लगेऔर एक बड़े कधि हो गए। उन्होंने पाण्डवों के वैभव के सम्बन्ध में एक पुस्तक लिखी, प्राकृतअर्थात् , मेरे विचार से, हिन्दी में 'रामायण' और दो अन्य रचनाएँ जो मुद्रित हो चुकी हैं, जिनके नाम हैं, 'हरि चन्द्राख्य’ -प्रसिद्ध व्यक्ति हरि चन्द्र (अर्थात् विष्णु)-और सत मुख रावणाख्य’-सात घंह वाला प्रसिद्ध व्यक्ति रावण । उन्होंने मराठी में भी लिखा । वे राजा शिवाजी के समय में जीवित थे । माता राम 3 हिन्दुई के प्रसिद्ध श्रृंगारी कवि, लेखक १. 'माधोनल’ शोर्पक किस्से के, जिसे बिलाई और लल्लजी- लाल ने हिन्दुस्तानी उर्दू में किया। मैं नहीं जानता यह बड़ी रचना । १ भा० 'मोती’ २ भा० ‘मोदा का स्वर्ग ’ ७ तिराम पर लेन देखिएयह लेखक ४० २६२ ( मूल के द्वितीय संस्करण था दूसरा जिस्व-अनु० ) का गतिराम हो तो नहीं है ? हर हालत में, ‘भाथोनलमोती राम की हो रचना प्रतत होतों है। ४ विला' पर लेख देखिए