पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/३७९

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२२४ ] हिंदुई साहित्य का इतिहास ५. बंसीधर की सहायता से उन्होंने ‘Chambers Geome trical Exercises ) का ‘खागणित सिद्धि फलोदय-रेखागणित सिद्धि का फल-शीर्षक के अंतर्गत हिन्दी में, और नतायज तहरीर उकूलिदस,५ के साम से उर्दू में , अनुवाद किया है। पहली रच नाओं की भाँति, यह रचना उत्तर-पश्चिम प्रदेश के देशी स्कूलों के लाभार्थी मुद्रित हुई है । ६. ‘सिद्धि पदार्थ विज्ञान, -वास्तविक यंत्ररचना का , कृष्णदत्त और बंसीधर की सहायता से प्रधानतः श्री फिन्क (Fink ) की रचना के उर्दू अनुवाद के आधार पर संग्रहीत रचना । ७. ‘रखुलासा गवर्नमेंट गजट' १८४० से १८४६ तक के गजट का संक्षिप्त सार । ८, 'गणित निदान'—गणित के सिद्धान्त, उत्तरपश्चिम प्रदेश के देशी स्कूलों के इंस्पेक्टरजभर, श्री एच० एस० रीड (Reid ) द्वारा श्री टाटे (Tata) की रचना और पेस्टालोजी (Pestalozzi) के सिद्धान्त पर आधारित रचना, और प्रस्तुत पंडित द्वारा अन्नू- दिततत्पश्चात् ‘रिसालाउसूलदु हिसाब' -गणित के सिद्धान्तों पर पुस्तक-शीर्षक के अन्तर्गत हरदेव सिंह द्वारा उर्दू में रूपान्त ५ यह रचना यूलिष्ट्र की प्रथम दो पुस्तकों के आधार पर सिग्नी गई हैं । उसका . एक दूसरा भाग जिसका यह शीर्षक है और जो यूलिड की तीसरी और चौथी पुस्तकों के आधार पर रचित बं!जगणित संबंधी पुस्तक है । . एच. एम० रोड ( Reid ) की रिपो, आगरा१५४, में इस बात का उल्लेख भी मिलतीं है कि तहरीर उल उलूलिदस के दो भाग हैं, पहले में मोहनलाल और बंसीधर द्वारा अनूदित पहलों और दूसरी पुस्तकें हैं। मैं ए० एस० रीड, ‘रपोर्ट ऑन डिजेनस एजूकेशन' ( देशां शिक्षा पर रिपोर्ट) आगरा, १८५४, ४० १५३