पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/३८३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

२२८ ] हिंदुई साहित्य का इतिहास बनारस से १८६८ में, बाबू गोकुलचन्द' द्वारा विभिन्न रचयि ताओं के हिन्दी दोहों का संग्रह‘र-नाथ शतकरनाथ की सौ रचनाएँ शीर्षक एक रचना प्रकाशित हुई है । र-नाथदास ( बाबू ) ने प्रकाशित की हैं : १. ‘सर सागर रत्न –सूरदास के सागर के रत्न-शीर्णाक के अंतर्गतप्रसिद्ध सूरदास की चुनी हुई कविताएँ, बनारस, १८६४ २७४ छठपेजी पृष्ठ ; २. कवि रामायणका एक संस्करणतत्पश्चात् ‘हनुमान बाहुक' , १८६६८ बनारस, , अठपेजी पृष्ठ; बाबू अविनाशी लाल, बाबू भोलानाथ आर मुंशी हरिबंश ताल के स्वर्च से, गोपीनाथ पाठक के मुद्रणालय से प्रकाशित ; '३. रसिक मोहन' - ( कृष्ण का ) आध्यात्मिक आकर्षण, उन्हीं के खर्च से, बनारस से १८६५ में ही प्रकाशित ; १६-१६ पंक्तियों के १२२ अठपेजी पृष्ठ । रघुनाथ सिंह ( महाराज ) रचायत हैं: १, अँगरेजी पुस्तक ‘Outpost Drill’ के ‘काउट पोस्ट ड्रिल का किताब' शीर्षक के अंतर्गतहिन्दुस्तानी में अनुवाद के बलग्राम १८६७२१५ छोटे चौपेजी पृष्ठ के २. ‘भागवत पुराण के हिन्दी अनुवाद, ‘आानन्द बुनिधि’ आनन्द का समुद्र - के, १२५२ चौपेजी पृष्ठों का बड़ा प्रन्थ, बनारस, १८६८ ; १ इन पर लेख देखिए २ आ० राम का दास