पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/३९९

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२४४ J हिंदुई साहित्य का इतिहास राय कृत भारतीय ( धार्मिक ) पुस्तक- का रचयिताराम राय या राम राजा भी कहते हैं, और जो ‘राम रायीसंप्रदाय का, जो हरिद्वार के निकटहिमालय के निम्न भाग में एक बड़ी भारी संस्था है, संस्थापक है । राम सरन-दास ( राय )

दिल्ली के डिप्टी कलक्टरव्यावहारिक लाभसंबंधी अत्यधिक पुस्तकें लिखने वाले सामयिक लेखकों में से हैं । देशी शिक्षा की। रिपोटों में उनकी पुस्तकों को ‘राम सरनदास' सीरीज़ कहा गया है। लिखी जाने वाली बोली ( dialect ) के अनुसार ‘हिन्दी सीरी’ और ‘उर्दू सीरीज़’ अलगअलग हैं, और उन का क्रम इस प्रकार रखा जाता है। १. ‘’ अक्षर अभ्यास-अक्षरों का अध्ययन, चार भागों में एक प्रकार की पहली पुस्तक है, जिसमें विकसित देवनागरी लिपि और सरकारी पत्र तथा दरख्वास्तें लिखने की विधि है, और जिस पर 'An educational course for village accountants (Patwaris)’ अँगरेजी शीर्षक दिया हुआ है, आगरा१८४४ 1 ईस्ट इंडिंया लाइब्रेरी में १८४५ के संस्करण की एक प्रति है, अठपेजी; मेरे पास उसकी १८४६ की एक उर्दू प्रति है, सिकन्दराअठपेजी ही, २४ पृष्ठ । २. लाबटया ‘गणित प्रकाश' -गणित का प्रकाश - और ‘उसूल इ हिंसाब शीर्षक के अंतर्गत उसका उर्दू रूपान्तर, अठपेजी, १ Memoir on the religious sects of the Hindus' (हिन्दुओं के धार्मिक सम्प्रदायों का विवरण ), 'पशियाटिक रिंसचेंज’, जि० १८, g२८६; कनिंघम कृत हट्रों व दि सिख्स, पृ० ४०० २ भा० ‘राम की शरण का दास’