पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/४१०

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लक्ष्मण-प्रसाद या लक्ष्मणदास [ २५५ लणसद या दमणदस२ बरेली कॉलेज के (उर्दू रचनाएँ) क्या ये वही लक्ष्मण दास हैं, जो हिन्दुओं की धार्मिक रचना, ‘प्रह्माद संगीत प्रहलाद पर संगीत, हिन्दी में, के रचयिता हैं। दिल्ली, १८६८, ३८ अपेजी पृष्ठ १ लक्ष्मण सिंह ( कुंवर ) इटावा के ज्वाइंट मजिस्ट्रेट, श्री ए० ओो> ह स की सहकारिता में, रचयिता हैं : १. लगान वसूल करने के लिए १८४६ के ऐक्ट १० (x) के उर्दू अनुवाद के, १८५१ में इटावा से मुद्रित (११४ अठपेजी पृष्ठ ), सदर बोर्ड ऑब रेवेन्यू की आज्ञा से ; ‘हिन्दु २. स्तान का दण्ड-संग्रह' शीर्षक के अंतर्गत इंडियन पेनल कोड (१८६० का ऐक्ट' १४-iv ) के हिन्दी रूपान्तर के ; इटावा, १८६१, ३६४ अठपेजी पृष्ठ। संभवत: यह लेखक मुन्शी लक्ष्मण ही है, जो रच यिता हैं : १. किताब खाना शुमार-8 मग़रबी’--पश्चिमी राज्यकर संबंधी भाग का पुस्तकालय -—के, आगरे से मुद्रित र ; २. ‘हिदायतनामा वारते डिप्टी मजिस्ट्रेट’’ उर्दू में, शिक्षा डिप्टी मजिस्ट्रेट, के अर्थात् डिप्टी मजिस्ट्रेटों तथा अन्य पुलिस कर्मचारियों के लिए शिक्षा, शीर्षक के अंतर्गत हिन्दी में, स्किर

  • भा० ‘।म के भाई, लक्ष्मण का दिया हुआ?

२ भा० ‘लक्ष्मण का दास’ ४ ‘आगरा गवर्नमेंट गजट, पहला जून, १८५८ का अंक ४ सम्भवतः यह उसी रचना का दूसरा संस्करण है जिसका शीर्षक है : 'हदायत नाभा मजिस्ट्रेट, लाहौर, १८६१ ।