पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/४११

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२५६ ! हिंई साहित्य का इतिहास बिस (Skipithys) ‘मजिस्ट्रेट गाइड’ (Magistrate Guide) : अँगरेजी रचना का अनुवाद । उर्दू संस्करण १८५७ में इलाहाबाद से छपा है, २८ अठपेजी पृष्ठ, और दो हजार प्रतियाँ। हिन्दी संस्करण भी आागरे से १८५३ में छपा है, ५२ अठपेजी पृष्ठ ३. ‘गोपीचन्द भरथरी’ के हिन्दी रचना जिसमें उज्जैन के इस नीम के प्राचीन राजा की कथा है जिसने संसार से वैराग्य थरण कर लिया था ।' इसका एक संस्करण आगरे का है, १८६७, ३२ छठपेजी पृष्ठ, और एक दिल्ली का है, उसमें भी २८ अठपेजी पृष्ठ हैं लक्ष्मी राम लोकप्रिय गीतों के रचयिता हैं । लल्लू (श्री लल्लू जी लाल कवि) या केवत लल्लू सिंहजितनी ब्रजभाषा में उतनी ही हिन्दु- स्तानी उर्दू में अनेक रचनाओं के रचयिता ( श्री लल्ल जी लाल कवि ) गुजरात के निवासी ब्राह्मण हैं । । पिछली में से कुछ देव नागरी अक्षरों में लिखी गई हैं । ये रचनाएँ निम्नलिखित हैं : १. प्रेम सागर, * नजजभाखा से संक्षिप्त अनुवाद, उर्दू में नहीं, बरन् खड़ीबोली या ठेठ में, अर्थात् शुद्ध हिन्दुस्तानी में, दिल्ली आगरे के हिन्दुओं की हिन्दुस्तानी में, अरबीफारसी के शब्दों के १ इसी विषय पर एक ग्रन्थ का उल्लेख देखिए, ० १३६ २ भा० अर्थात् ‘श्री ( धन की देवां )विष्णु की पल्ली ३ या श्री लल्लू जी लाल कवि ४ प्रभ सागर, प्रेम का समुद्र