पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/४८०

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सेना पति [ ३२५ सेना पति’ २०-२० पंक्तियों के १६ अठपेजी पृष्ठों के, बाबू गोकुल चंद की देखरेख में बनारस से १८६८ में प्रकाशित‘घ ऋतु वर्णन वर्ष की छः ऋतुओं का हालके रचयिता हैं। सोपन देख या सोपनदास’ ज्ञानदेब के मित्र, कधि चरित्र' में उल्लिखित हिन्दी रचयिता हैं, और जिनकी मृत्यु १२१६ शक-संघन् (१२६७१२६८ ई०) में हुई। वे ब्रह्मा के अवतार माने जाते थे । हमीर मल ( सेठ ) हिन्दी में लिखित तथा १८५० में आगरे से मुद्रित जैन धर्म की व्याख्या करने वाली ‘पोथी जैन मत्ति जैनों के ज्ञान की पुस्तक शीर्षक रचना के रचयिता हैं । हर गोबिंद ( उमेद लाल ) कीर्तनावलीप्रशंसाओं की अबली—शीर्षक के अंतर्गत प्रकाशितविभिन्न रचयिताओं द्वारा रचित ईसाई धार्मिक हिन्दी कविताओं के संग्रह के संग्रहकर्ता हैं । उसका प्रथम संस्करण अहमदाबाद से प्रकाशित हुआ है, १८५६,१९ आठवेजी पृष्ठ । द्वितीय संस्करण के विषय में मुझे ज्ञात नहीं है, किन्तु तीसरा भी अहमदा बाद सेवैसी ही गुजराती कविताओं सहित प्रकाशित हुआ है, १८६७११७ अठपेजी पृष्ठ । १ भा० ‘सेना का नायक' २३ ‘सोपन' ‘वग्नत' के लिए प्रतीत होता है, और देव' एक आदरसूचक उपाधि है। इसलिए जहाँ तक ‘सोपनदाससे संबंध है, इस मिले हुए शब्द का अर्थ हुआ विप्न का दास' ।