पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/४८३

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३२८] हिंदुई साहित्य का इतिहास हरि-दास ' एक हिन्दुई कधि हैं जिनका एक पद डब्ल्यू’ प्राइस ने अपने हिन्दी ऐंड हिन्दुस्तानी सेलेक्शन्समें लोकप्रिय गीतों में उद्धृत किया है । हरि बख्श ’ (मुंशी ) ब्रजभाखा और देवनागरी अक्षरों में ‘भक्तमाल’ के एक संग्रह के रचयिता हैं, जो १८६७ में सहना ( Sabhah ), जिला गुड़गाँव के ‘मनबा उलू उलूमझानों का स्त्रोत-—छापेरखाने में उप रहा था । २१ , १८६७ के मेरठ के ‘अखबार-इ आालम’ की सूचना के अनुसार, यह रचना है०० पृष्ठों की होगी। हरि लाल ( पंडित ) हिन्दी में लिखित तथा इंगलिस्तान का इतिहास' शीर्षक हैंगलैंड के एक इतिहास के रचयिता हैं, आगरा, १८६०, १६ अठपेजी मृष्ठ । हरिवार एक हिन्दी कवि हैं जिनका एक पद डब्ल्यू० प्राइस ने अपने हिन्दी ऐंड हिन्दुस्तानी सेलेक्शन्स’ में लोकप्रिय गीतों के संग्रह में दिया है। । हर हर* एक हिन्दू लेखक हैं जिनके नाम का मैं उल्लेख कर सकता हूं । १ भा० ‘हरि अर्थात् विष्णु का दास ' २ भा० फा, विष्णु की देन' ३ मा’ या ‘हरिवानअर्थात् इन्द’ ४ भा० विष्णु और शिव’