पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/४८९

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.३३४] हिंदुई साहित्य का इतिहास वह जिनसेन के शिष्य, गुणभद्र की संस्कृत या प्राकृत रचना का अनुवाद है . । विद्वान् श्री विल्सन के अनुसार, जैन रचनाएँ अधिकतर याधुनिक हैं । साधारणतःउनकी रचना जैपुर में, जैसिंह और जगत सिंह के राज्यान्तर्गत, हुई है । -आर्टिकिल्स ऑॉव बार, का संक्षेप, कर्कपैट्रिक और विल्किन्स द्वारा अँगरेजी, फारसी ऑोंर हिन्दुस्तानी में । Evangelium Lucae in Linguam Indostanicam translatum a Benj. Schultzio, edidit Jo. Hear. Callenbergius. Halae Saxonum1749, in-12 बेनजमिन शुल्ज एक अत्यन्त उस्साही प्रोटेस्टेंट मिशनरी , जो दक्खिन में रहे , और जिन्होंने भारतवर्ष के इस भाग की बोल चाल की भाखा ( valgar idiom ) से भी अपने को परिचित कर लिया था। एक न्दुिस्तानी व्याकरण, औरइसी भाषा , पवित्र बाइब्रिल का अनुवाद उनको देन हैं । ‘उपदेश कथा और इंगलैंड की उपाख्यान चुम्बक’ stewards Historical Anecdotes, with a sketch of the His tory of Englandand her connexion with India, रेवरेंहू डब्ल्यू० टी० ऐडम द्वारा अनूदित 1 ऐंग्लोहिन्द्बी । कलकत्ता, कलकत्ता स्कूल बुक सोसायटी के प्रेस में छपी, १८२५, अठपेजी। हिन्दुस्तानी में इस रचना का" शोघ है : ‘पदेश कथा और इंगलै की उपाख्यानका चुम्बक अर्थात् उपदेशपूर्ण कथाएँ और इंगलैंड के इतिहास से अवतरण' । इस अनुव(द की अन्य कई -रचनाएँ हैं, जिनमें से एक उसी भाषा में व्याख्या सहित हिन्दी कोष है। उसका अन्यत्र उल्लेख किया जायगा ।