पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/४९६

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परिशिष्ट १ [ ३४१. फ़ारसीअरंवी शब्दों के मिश्रण बिना, हिन्दू प्रयोगों के अनुसार संपादित । "न्यू टेस्टामेंट ( दि ) आंध्रुव आबर लॉर्ड ऐंड सेविअर जीजस ‘क्राइस्ट, श्रीरामपुर के मिशनरियों द्वारा मूल ग्रीक से हिन्दुस्तानी भाषा में अनूदित ।- श्रीरामपुर, १८११ चौपेजी। ‘न्यू टेस्टामेंट’ ( दि ), हिन्दुस्तानी में, हंटर द्वंारा संशोधित । । कलकत्ता, १८०५चौपेजी ।

  • पनी सूत्र ।

जैन धर्म से संबंधित भाषा में रचनग ( ‘एशि० रिस०७, जि० १७४० २४४ ) । ‘पद्म पुराण, पद्म का पुराण । जैनों के बारह चक्रवर्तियों या प्रधान नरेशों में से एक, पद्म, पर भाषा में लिखित जैन कथा ( ‘एशि० रिस० २, जि० १७, ५० २४५ ) । ‘बेंत पाल’ (फ़ारसी लिपि ) या रुक्मिनी ’ (फारसी लिफि), मंगल रुक्मिनी का विवाह । मेरे निजी संग्रह को लगभग १६8 पृष्ठों की १२पेजी हस्त लिखित पोथी । यह रुक्मिनी के विवाह से संबंधित कविता है। उसकी रचना दोहरों तथा हिन्दुई के अन्य छंदों में हुई है। श्र लैंगल्बा ( Langlois ) ने अपने ‘मन्यम लिखेर लिंद’ ( भारत को महान् साहित्यिक कृतियाँ ), ८५ तथा बाद के पृष्ठ, में, इस विषय पर, भागवत की एक घटना का अनुवाद किया है । ‘पाप की बुराई( Sin no trifle ) । :.. इस छोटी-सी धार्मिक पुस्तक के दो संस्करण हैं मैं एक देवनागरी अक्षरों में, और दूसरा कैथीनागरी अक्षरों में, जो हिन्दू-