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हिंदुई साहित्य का इतिहास

संग्रहालय का हिन्दी इस्तलिखित ग्रंथ [सर्वश्री द लूई (de Lurde) और सिंट्रेट ( Cintrat ) द्वारा लेखक के पास भेजी गई कार्डिनल माई (Mai) की सूचना"। ‘भूगोल और ज्योतिष की रूपरेखा’-—(Outlines of Geography and astronomy ), कलकत्ता, १८२५, अठपेजी । कलकत्ते की स्कूलबुक सोसायटी द्वारा प्रकाशित रचना। हिंदुस्तानी में उसका शीर्षक ‘भूगोल वृतात, अर्थात् पृथ्वो मंडल का वर्णन, है । भूगोल ओर ज्योतिष पर प्राथमिक पुस्तक', (Eletmentary Treatise on Geography and Astronomy ), हिन्दी में । मेरा विचार है, कलकत्ते से, नागरी अक्षरों में प्रकाशित पुस्तक। मनोरंजक कथाएं' Pleasing ales) (ऐंग्लोहिन्दुई)—कलकत्ता, १८३४ । ये मनोरंजक कथाएँ स्कूलबुक सोसायटी द्वारा प्रकाशित हुई हैं । ‘ममालिकि हिन्द की जुबानों की असल बुनयाद संस्कृत है'। . जे० रोमर द्वारा हिन्दुस्तानी (नागरी अक्ष) में लिखित थीसिस और ‘प्रोमीटी थॉरिएंटालिस, कलकता, १८०४, शीर्षक ग्रन्थ्य में सम्मिलित । ‘महावीर सव' महावीर की प्रशंसा । भाषा में लिखित, भौर जैन धर्म से समन्धित रचनt। (“एशियाटिक रिस', जि० १७, १० २४५)। महावीर तिम और अत्यन्त प्रसिद्ध जैन प्रचारक हैं 1 लोगों का अनुमान है कि वे बिहार (Bahar) प्रान्त में, ईसवी पूर्व छठी शताब्दी रते थे । विल्सन 'संस्कृत डिक०