पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/५११

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

३५६ ] हिंदुई साहित्य का इतिहास गोवर्द्धन नाथ स्योघ भव वात—गोवर्द्धननाथ के जीवन की कथा, हिन्दी में ।-५४ अपेजी पन्ने । ‘छान्देाग्य ( छांट्रेाज्ञ’ ) उपनिष-सामवेद की टीका । टैंकर ( Zenker ), बिबलियोथेका ओरिएंटालिस। ( Bibliotheca Orientalis ) । ‘शान माल’-ज्ञान की माला, कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया उपदेश और शिक्षा, हिन्दी में 1-८० छोटे अठपेजी पृष्ठ । १८६८ में उसका दिल्ली से एक अनुवाद उर्दूमें हुआ है, २२ अठपेजी पृष्ठ । तर्क संग्रह' —सामान्य त शास्त्र: अँगरेजी और हिन्दी अनुवाद सहितसंस्कृत पाठ इलाहाबाद, १८५१, ७२ अठपेजी पृष्ठ; बनारस, १८५१ । मूलतः अएमम् ( Annam ) भट्ट द्वारा लिखित और बनारस कॉलेज के तत्कालीन प्रिंसीपल, वर्गीय • वैलेन्टाइन द्वारा प्रकाशित । धर्मानुसंधान’ -धार्मिक सत्य की खोज, ब्राह्मण धर्म के विरुद्ध की गई आपत्तियों का उत्तर, उर्दू और हिन्दी में।—लाहौर, १८६८, ४४ अठपेजी ष्ट्र । नीति दीपिकानीति का दीपक के हिन्दी में बरेली, १८६५। ० लौंग‘लौग, ge ३३। नील बिनोदया ‘नीति विनोद नीति का आनंद । नीतिवाक्यों का संग्रह के १८५१ में भारतवर्ष में मुद्रित, हिन्दी ज, रचना । पद् चंद्रिका’ शिक्षा का चन्द्रमा के हिन्दी में । प्रसाद मंगल प्रसाद की शुभ घड़ी में हिन्दी में ।