पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/५२५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

३७० ] हिंदुई साहित्य का इतिहास ५, सरस साहृत्य ‘अर्जुन बिलास' - आर्ज न का आनंदअर्जुन सिंह कृत ।- बहराम- पुर१८६४४४७ चौपेजी पृष्ठ। हिन्दी काव्य जो मुझे भी फिज एड्वर्ड हॉल ( Fitट Edward Hall ) ने बताया था । ‘आजमगढ़ रीडर, चुनार के स्वर्गीय रेवरेंड डब्ल्यू० बाउले ( Bowley ) द्वारा मूल अँगरेजी से शुद्ध हिन्दी में अनूदित ।' इलाहाबाद‘मिशन प्रेस, और आगरे से । इस रचना का मूल, एच० सी० टुकर ( Tucker ) द्वारा विभिन्न गरेजी लेखकों के चुने हुए अंशों का संग्रह है। रेवरेंड डब्ल्यू" ग्रोन ( Gen) का किया हुआ, औौर ० १ बागरे से, ० २ मिर्जापुर से, २३८ पृष्ठों मेंमुद्रित उसका एक उर्दू अनुवाद है । उदिथ झुन्धर—हिन्दी घ-, पद्य जिनका चाहे जिधर से पढ़ने से एक ही अर्थ निकलता है ।' बनारस, १८४४ । नत मंजरी'-ऋतुओं का गुच्छा । -लारकोह-इ नूर' मुद्रणालय । कथा सर’-कथा का सार । उत्तरपश्चिम प्रदेश के देशी स्कूलों के लाभार्थी हिन्दी कहानी ' : , ‘कबित संग्रह--( हिन्दी कविताओं का संग्रह । 1 - दिन्दुतानी और गेंद के अध्ययन में प्रत्यधिक लगे रहने वाले स्क्रीषि जॉन रोमर की कृपा से प्राप्त मेरे निजी पुस्तकालय का स्ट लिखित ग्रंय ।