पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/५२७

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३७२1 हिंदुई साहित्य का इतिहास 'जै सिंह कल्प ह्यूम’ – जै सिंह का कप द्रम । प्रसिद्ध जयपुर नरेश, जे सिंह की आज्ञा से लिखित, संस्कृत आरबी, फारसी और हिन्दी भाषाओं का बड़ा विश्वकोष : -- कलकता। रिव्यू’, फ़रवरी१८६७ । ज्ञान दीपिका’ - ज्ञान की लौ, स्त्रियों के लिए जो अपने को शिक्षित बनाना चाहती हैं , हिन्दी में ।- बरेली, १८६५, २६ ४०। जे लगलग, ७ ३६ । ज्ञान प्रकाश’ - ज्ञान संबंधी स्पष्टीकरण । उत्तर-पश्चिम प्रदेश के देशी स्कूलों के लाभार्थ हिन्दी व्याकरण । "तुलसी शब्दार्थ प्रकाश’ -तुलसी के पयों के अर्थों का स्पष्टीकरण, जया (Jayi ) गोपाल द्वारा के हिन्दी में ।- बनारस, १८६६, १४४ आठपेजी पृष्ठ । ध्रुव लीला’ -ध्रुव की कथासीरा लाल द्वारा; हिन्दी में ।- दिल्ली १८६८, ८ आठवेजी पृष्ठ । नकृतियात-इ हिन्दी’--हिन्दी में लघु कथाएँ।- -लखनऊ, १८४५, अठपेजी । पट्टन का विध्वंस, अर्थात् सोमनाथ पट्टन, एक मुसलमान द्वारा लिखित हिन्दी कविता । वड, ‘देविल्स इन् वैस्टर्नइंडिया), ० ३२१। ‘पद माला'-—पदों की माला, अंदों पर पुस्तक के हिन्दी में । आगरा, १८६४, १९ ९.। ‘पद्यात्मक कहानी’ या Lais। कर्नल टॉड ने मध्य भारत के चारणों द्वारा रचित इस प्रकार की काव्यरचनाओं के नाम दिए हैं, कविताएँ जो, तीन सौ से अधिक