पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/५२९

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३७४] हिंदुई साहित्य का इतिहास ‘बारह मासा'--यारह महीने, बेनी माधो कृत, राधा का विरह वर्णन, हिन्दी कविता ।- दिल्ली, १८६८, ८ सोलहपेजी पृष्ठ । ‘वृत्तांत धर्म सिंह' - धर्म सिंह की कथा में हिन्दी में । बोध चतुर्घथ चन्द्रिका’ -बुद्धि के चार पथों का चन्द्रमा (हिन्दी और संस्कृत प्राइमर )।मिर्जापुर । भाषा का व्याकरण’ - भाषा ( भाखा ) या हिन्दी व्याकरणभार तीय सरकार द्वारा इन्स्टीट्यूट को दिया गया। भाषा कोष’ या ‘भाष अमर क्रोष’ - राग सागर द्वारा उल्लिखित हिन्दी में अमर सिंह का कोष । मित्र लाभ' – एक मित्र का लाभ 1- बनारस, १८५२ ? संभवत: संस्कृत के आधार पर ‘हितोपदेश' का हिन्दी अनुवाद । मेले की कहानी’ - एक मेले की मनोरंजक कथा I - बनारस, १८५६, १८ बारहवेजी पृ' । ‘मोती बिनोला का झगड़ा’ - सोती और चिनौते के बीच झगड़ा कहानी के हिन्दी में !-आगरा१८६८, ८ सोलहपेजी पृष्ठ। मोहिनी चरित्र’ - मोह लेने वाली कथा, फसान-इ अजायब' का प्राण कृष्ण द्वारा हिन्दी अनुवाद में दिल्ली, १८६६, १८० अठपेजी पृष्ठ। ‘र खानि’ - रस की खान, हिन्दी कविता ।- आगरा१८५८, द सोलहपेजी पृष्ठ । रिस साला'- रस की माला ( पश्चिम भारत में, गुजरात प्रान्त का हिन्दू इतिहासप्रेग्जेंडर किनलौख फ़ोर्स ( Alex. Kintoch Forbes ) क्कृतचित्रों सहित ।- लंदन१८५६, दो जिदअठपेजी । र, ‘चित्रलि औयेका ओरिएंटालिस( Bibliothech Orientalis )।