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३७८ ! हिंदुई साहित्य का इतिहास

'कुरंग बामा'—दोषपूर्ण शरीरों की स्त्रीया , एक राजपूत राजा की

तीन लड़कियों की साहसिक कथा ; हिन्दी में ।

स्रीका दोतल्ला ( Sicri Dotalla ) द्वारा इस रचना का

बाँगला पद्यो में अनुवाद हुआा है, १०० बारहपेजी पृष्ठ ! - जे० लौंग,

'सेलेक्शन्स फ्रॉम दि रेकॉर्ड्स आव दि बंगाल गवर्नमेंट, कलकता

१८५ ।

गया महातम- ( बिहार के प्रसिद्ध तीर्थ - स्थान) गया का महत्व ;

हिन्दी में । मेरठ , १८६५।

जे० लौंग, कैटैलौग, ७० ३३ ।

घरों का बर्णन' - घरों का बयानम ( ‘The Two Houses' );

हिन्दी में, नागरी अक्षर ।

ज० लौंग, कैटैलौग, ‘ ३५ ।

'जात कसौटी’ जातियों की कसौटी । --- तिरहुत, १८६५ ।

जे० लौंग , कैटैलौग’, १० ३२ ।

जिला इटावा के हल्का बन्दी मद्रिसों के पढ़ने वालों को शिक्षा' -

इटावा हलके के स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए शिक्षा ; हिन्दी

में; ऐलेन ए० ह यूम कृत | -इटावा, १८५८२० अठपेजी पृष्ठ ।

‘तर्क संग्रह ' - तर्को का संग्रह के हिन्दी में ।-

दिहात पथ प्रकाश’ देहात की रीतियों का वर्णन  : हिन्दी में । -

लाहौर, ‘कोह-इ नूर मुद्रयालय ।

मुतफरिकात -- मिश्रित |

अठर्षजी इस्तलिखित पोथी, ईस्ट इंडिया लाइब्रेरी का ० न०

जिसमें हैं- १. दोइरो और चौपाइयों में एक कविता, भिना लेखक

.. के नाम को, नुस्त -इ हिंदुई, जिसका संबंध मुसलमान धर्म के

. सैद्धान्तिक और व्यावहारिक मतों से है ; २. अनेक ग़ज़लें तथा..

: अन्य पद्यांश, अधिकतर सूरदास और कबीर , जिन्हें यहाँ सैयद उपाधि

दी गई हैं, के ; ३. भारतीय इलाजों के नुस्खे ।</section><footer data-mw-proofreadpage-wrapper="">


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