पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/५३५

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३८० ] हिंदुई साहित्य का इतिहास संस्करण के परिशिष्ट में नहीं है। प्रथम संस्करण के परिशिष्ट में जो ग्रंथ के चिन्हित नहीं है वे द्वितीय संस्करण के इस अतिरिक्त अंश में नहीं हैं-अनु० ) ‘जंगनामा-इ राव भाई’ -राव भाऊ के युद्ध की पुस्तक । १ानीपत नगर के निकट, ७ जनवरी१७६१ को मुसलमानों द्वारा मरष्ठों पर स्मरणीय विजय पर कविता । मुसलमान सेना का नायक, काबुल का सम्रा, अहमद शाह अब्दाली, था : मराठों को सेना का राव भाऊ था । मैकेन्जी संग्रह में इस रचना की एक हस्त लिखित प्रति थी । देखिएएच० एच० विल्सन द्वारा प्रकाशित उसका वीपत्रजि० २, १० १४५ । म-नायक सिंगार' । फ़रज़ाद कुली के पुस्तकालय में हस्तलिखित पोथी । यदि मैंने यह शीर्षक ठीक पढ़ा है, तो उसका अर्थ होना चाहिए ‘मधुर प्रेमी का श्रृंगार औौर तो यह संभवतः कृष्ण संबंघी छंगार रस की रचना हैं ; किन्तु मैं इस अनुवाद के संबंध में निश्चित नहीं हूँ क्योंकि मैं पुस्तक का विषय नहीं जानता । मसनवी-इ जान पहचान, हिन्दी कविता । यदि ‘जान पहचान’ रचयिता का नाम नहीं है, तो शीर्षक का अर्थ है ‘श्रात्मा के पहचानने पर मसनवो’ । सुरूद हिन्दी—संगीत पर, हिन्दी में, रचना । मुहम्मद बख्श के पुस्तकालय में हस्तलिखित पोथी। हड़ प्रदीप’। : वॉर्ड द्वारा उल्लिखित, जयपुर की बोली में रचना, ‘हिस्ट्री, लिट्रेचर एटूसीटराश्रव देिं हिन्दू ज़’ ( हिंदुओं का इति, साहित्य, आदि ), जि ० २, ७ ४८१ ।