पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/७६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ प्रमाणित है।
[४९
भूमिका


सम्मान में या इसी अर्थ में लिखित कविता) है। कवि सामान्यतः साक़ी को संबोधित करता है; और जैसा कि ग़ज़ल में होता है, अर्थ प्रायः आध्यात्मिक होता है। वास्तव में, रहस्यवादी रचयिताओं में, शराब का अर्थ होता है, ईश्वरप्रेम; मैख़ाना, दिव्य विभूति का मन्दिर; शराब बेचने वाला, गुरु; अंत में दयालु साक़ी स्वयं ईश्वर की मूर्ति है।

'सोज़'। यह शब्द, जिसका शब्दार्थ है 'जलन', एक आवेगपूर्ण, शृंगारी गीत के लिए प्रयुक्त होता है, जिसे 'वासोख़्त' भी कहते हैं। मर्सिया के छन्दों को 'सोज़' नाम दिया जाता है।

'हज़्‌लियात', मज़ाक। कभी-कभी मनोरंजक पंक्तियों की कविता को यह नाम दिया जाता है।

मेरा विचार है कि पीछे दी गई दो तालिकाएँ हिन्दुई और हिन्दुस्तानी की, अर्थात् भारतवर्ष के एक बड़े भाग की आधुनिक भाषा की, और संस्कृत से उसे अलग करने वाली भाषा-पद्धति की, इस संक्राति-कालीन भाषा-पद्धति की जिसकी लोकप्रिय कविताएँ भारत के मध्ययुग को आकर्षक बनाती हैं, और जिसके संबंध में 'सर्फ़-इ उर्दू के रचयिता का हिन्दुस्तानी के बारे में यह कथन कि : 'यह चारुता और माधुर्य की खान हैं'

है लताफ़त में मैदन ख़ूबी

(फ़ारसी लिपि से)


और भी उपयुक्त शीर्षक के रूप में, लागू होता है, विभिन्न प्रकार की रचनाओं का काफ़ी ठीक ज्ञान करा सकती हैं।