पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/१०७

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नमंनो... ‘कर देनमे ही जर्मनीकी वर्तमान परिस्थितिका पता लग मियों में विद्रोह उपस्थित होने पर उसके निवारण के लिए जायगा- विटिश साम्राजा अवश्य हो जर्मनीकी सहायता प्राप्त . "एक सम्भ्रान्त जर्मन महिला यह कहते हुए रोने करेगा।" लगी कि, युवा अवस्थामें मैं फरामोसो, इटाली, रुस और ___ जर्मनी में फिलहाल विद्या, व्यवसाय, संपादपत्र-परि- अंग्रेजी भाषा सौख रही थी, सङ्गीत सिखाने के लिए भी चालन आदि नाना विभागों में यहदियों ने ही प्रधान स्थान .. एक शिक्षक नियुक्त था, मेरो वहन चित्र बनाने में निपुण | अधिकार किया है। इमलिए जर्मन लोग उन पर बहुत है। सुकुमार शिपमें उसका खूब यश था, वार्लिनके । नाराज रहते हैं। सुना जाता है कि हम समय जर्मन उञ्चपदस्थ समाजमें हमारे कुटुम्बस्वजन हैं, कहना राष्ट्रमें भी यहदियोका प्रभाव अधिक है। असली ईमाई फिजल है कि दासदासियों को भी मेरे धर कमी न थी। जर्मनमि बहुत कम लोग ही गणतान्त्रिक वा रिप पीछे वह फिर कहने लगी-'अब मेरी ऐमो अवस्था है। लिक पन्यो हैं। जर्मनके लोग प्रायः समो राजभक्त है। कि, विदेशी लोगों के लिए अपने रहनेका मकान तक ये लोग कैसरको पुनः राजा बनाने के लिए उत्सुक है। खाली कर दिया है। उनकी सेवा करना यही मेरा कमसे कम रिपब्लिकको जगह राजतन्त्रको पुनः कायम एकमात्र कार्य है। उन लोगोंको मकानमें ठहरा कर करने के लिए इन लोगोंका छिपी तौरमे आन्दोलन लारो में जोरोजगार करती है, उसके बिना मेरी गृहस्थीका है। कैलनके "नाइट गा" और बार्लिन के "नाइटम" खर्च नहीं चल सकता। इसलिए मुझे उनकी मरजीके ! श्रादि संवादपत्रोंका सुर एकसा ही मास्तू म पड़ता है। मुताविक काम करना पड़ता है। एक मुहत के लिए भी इन पत्रों की खपत अच्छी है, प्रत्ये ककी पचास हजार मैं रचाधीन नहीं । मैं साहित्य, शिल्प, सङ्गीत, देश । प्रतियां बिक जाया करती हैं। सेवा. सामाजिकता सब कुछ भूल गई है। युद्धके पहले इतिहास हम लोग जहां तक अनुमान करते है कि. जिन विदेशियों को चोर, बदमाश, धोखेबाज समझ कर जमनोका ऐतिहामिफ विवरण तभीसे प्रारम्भ है, . : नकी छायासे दूर रहती थी, आज उन्हीं को सेवा कर | जबसे जूलियस सीजर ई० मनुके ५८ वर्ष पहले रही है। वास्तवमै धार्मिनके प्रतो क मध्यवित्त परि गोलके शासक नियुक्त हुए थे। इससे कुछ पहले ' वारको ही श्राम विदेशी प्रतिषियोंको चाकरी बजानी जर्मनीका विशेष मम्बन्ध दक्षिण प्रदेशों में था और पड़ रही है।" भूमध्यसागरसे अनेक यात्री समय समय पर यह गत युद्धम हटिश साम्राज्य को जर्मनीको मयं. पाते थे, किन्तु उनके भ्रमण हत्तान्तका पूरा पता प्रधान और एक ही शान था। किन्तु जर्मनीको वर्तमान नहीं चलता है। पहले पहल टिउटोनिक लोगों ने अवस्थाको देख कर इस बाइको बिल्कुल भूल जाना। दूसरी शताब्दीके अनाम इलिरिया, गोल और इटली पर पढ़ता है। प्राजकन्न पगारेजोको जर्मन परम मित्र ममः। माक्रमण किया था। जब सीजर गोल पहुंचे, तम यह भरी है। बहुत से जर्मन राष्ट्र नायक इम मतका पोपण ! समय पश्चिमो भाग जो अय जर्मनी कहलाता है गोलिग करते हैं कि, ब्रिटिश साम्राज्यको क्षमताके झाम होनी वंशके अधिकारमें था । मोजरके आने के पहले नर्ममोको जर्मनीको हानि होगी। भारतीय राज पोर मधारमा एकदल मेनाने राइन पर जो जमन और गोल मोगीको गान्धीकी पूर्व सतकार्यताका मयाद सुन कर बहुतमे वच: उत्तरीसीमाकै रुपमै अवस्थित था चढ़ाई कर दो पौर पदस्थ जर्मम डर गये हैं। मिशर, भारतवर्ष पादि देगो उमे अधिकृत कर यहा ये रणने लगे। इस समय गोल को स्वाधीनता मिलनेमे बिटिग-जाति दुर्वन हो मायगो लोग जमनसे बहुत उत्पीडित किये जा रहे थे, तब यह विचार कर बटुसमे नमन जननायक टुग्वित हो। मीजरने पहने पहन्त जर्मनीके राजा पारियोयिसनम रहे जमेगी प्रयासी गानो महाशयका कहमा : विरुद्ध लड़ाई ठान दो। ई.सन्के ५५ यप पहले इमान १-"यह महल की ममझ मकसे कि एगियाया- उमीपेट और टेनटेरीको जो गिन्न राइनसे पाये एप