पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/१०९

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वमनो गया । जर्मनी में जितने राजा हो गये हैं, मभोसे ये हो । उनका पुनरुद्धार किया गया। १०५ ई में एकदन .. शूरवीर थे। इनके समयमें सामरिक विभागको खूब मेनाकै साथ ये घटली गये थे। १.५६ ई में इनकी .. उन्नति हुई, जिसमें विदेशी राजा लोग इस देश पर पाक | मृत्यु हुई थी। पीछे इनके लड़के श्यं हेमरोके नाममे , मग करनेका साहस नहीं कर सकते थे। इनकी मृतुर | राजासिंहासन पर बैठे। नाबालिग अषस्थामें इनकी . ८३६ ई०के जुलाईमहोने में हुई। बाद प्रथम प्रोटो जर्मनी माता महारानी प्रागनम राजकार्य चलाती थो। इहो । । के राज्यसिंहासन पर अभिषिक्त हुए । उम ममय उनको | ने कई एक दुर्ग धनवाये थे। राज्य शासनको पोर नका . उमर केवल चोबीस वर्षको यो। ठनकमर नामके इनके एक अच्छा ध्यान था। १०८५ ६०में इन्होंने इटम्तीमे लड़ाई .. मौतेला भाई था जिगने राजाके यथार्थ अधिकारीका | ठान दी और उसी मान ये वीबर्टसे रोमके सम्राट् .. दाया करते हुए उनमे लड़ाई ठान दी। प्रोटोको जीत बनाये गये । इनके मरने पर इनके लड़के ५म हेनरोके ... हुई पोर वे निष्कण्टक राजा करने लगे। घोड़े ममयके | नामसे प्रसिद्ध हुए। इनका सारा ममय लड़ाई में ही बाद इन्हें फ्रांस के राजा र्थ लुइसे लड़ना पड़ा था ।ये | व्यतोत हो गया, क्योंकि इन्हें कई बार फेण्डर, बोहे. कटर ईसाई थे । इमके ममयमें भी ईसाई धर्म का खूब ! मिया, हरी और पोलण्ड से लड़ना पड़ा था।' प्रचार हुपा । ८७३ ई० में २य भोटो जर्मनोके राजा और | ५म हेनरीको मृत्युके साथ माथ फ्रनकोनियन .. रोमके सम्राटके पद पर सुशोभित हुए। ८७४ ई.में | वंशका भी लोप हो गया। उसी माल १९९५म बहुतसी सेनाको माथ ले वे फ्रामकी राजधानो परिमको | सैयसनोके छ क लोथर जम नौके राजा निर्वाचित हुए। . पोर अग्रसर हुए, किन्तु वाध्य हो कर इन्हें लौट पाना | पहले पहल इन्हें वोहेमियाम युद्ध करना पड़ा था . . पड़ा। ८८०६०में दोनों में सन्धि हो गई। ८८० ई. में ये | ११३६ ई०में घटली जाकर इन्होंने २य इनोसेगट नाम " इटम्लोको गये और यहांसे फिर कभी लौट कर नहीं पोपसे राज्य मुकुट प्राप्त किया था। ११३७ में इटनीमे पाये। ८८५ ई. में इनके लड़के श्य भोटो राजासिंहाः लौट पाने पर इनका प्राणान्त हुपा । पोछे ११३८ ६ में ... सन पर पारुढ़ हुए। इनके समयमें राना भरमें बहुत | फे छोनियाके धक कोनरद सिंहासन पर पारुद, गोलमाल मचा । इनके मरने पर १००८६०में २य हेनरी | हुए इनके समयमें कोई उखयोग्य घटमा न हुई। ... राजा हुए । सिंहासन पर बैठने के साथ ही इनका ध्यान २१५२६ में मम्बर्गमें ये पञ्चत्वको प्राप्त हुए। पोछ । मामे पहले राजाशासनकी ओर आकर्षित हुआ। स्वापिया भूतपूर्व य क फ्रेडरिक के पोते वरपरोस रम पन्हींके समयमै लोरीन दश बड़ी बड़ी लड़ाइयां फ्रेडरिक नाम धारण कर जमनोके राजसिंहासन सड़ी गई जिनमें बहुतोको खूगावरायो दुई। इनको | पर पभिपित हुए । तीमय राजा करने बाद ये रोमका । मृत्यु के पचात् कम्पमें एक मभा हुई जिममें सम्राट् यनने के लिये पात्पस पर्यंत पार कर गये। इनका श्य कोनराड राजा चुने गये। १०२४१०में ये राज्य पधिकांश ममय इटली में ही व्यतीत होता था। रान सिंहासन पर बैठे। उनके सीतले मनड़के २य परनेटने | लंगडपादि स्थानों में शान्ति स्थापन करने के बाद ये इनके राज्यकार्यमें यहत बाधा डाली और कई बार १९५७ १० में पोलंगड़ गये थे। इनके समयमें शहरीको भावी उत्तराधिकारी होने के लिये इनसे लड़ भी पड़े।। उति दिन दूनी और रात चोगुनो होने लगी। हेनरो किन्तु उसकी मम घटाएं निष्फल हुई । कनामे जीतेजी | दी-सायनके जानी दुश्मन थे। जो कुछ होग . अपने सहक श्य हेनरीको राज्यमार मोंपा। ये गान्त ममय प्रजा प्रानन्दमे समय वितातो थो । इमली. प्रिय राजा थे। उनके ममयम ममम्त नर्मनी में गानिस मृत्युके याद ११५८ ० इनके माइके 18 नरो । पिरामती यो, लड़ाई दंगे बहुत कम होते थे । राजा हुए। इस समय सब जगह शान्ति विराजतो थो, इनके राजाकान के प्रारम्भमें मापूर्ण यूरोपका गिरजी- पत: किसी ने इन्हें सहा न करनी पड़ी. तथा इमर्क 'की दमा गोपनीय हो गई थी। लेकिन इन यवसे । ममय और कोई विशेष पटना नहु। पब ४८ पोठो .