पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/१११

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.. जर्मनी मुकुट धारण किया और उन्हीं लोगों को सहायतासे पोप भगाया और उनकी पैटक सम्पति ले नो। 'पोहे जोनको पदच्युत कर उनके स्थान पर कोरवाराक | इटलोको गये। इनके समयमै सर्वोच्च विचारानय स्थापित पोटरको पोपके पद पर नियुक्त किया। १३४८ ई में हुआ जिसमें १६ सदस्य नियत किये गये । १५१८ में , इनको मृत्य हुई। पीछे १३४६ ई०के जनवरी | इनका देहान्त हुा। बाद राजगहों के लिए इनके पोत्र . . महोन में ध्यं चार्ल म जर्मनोके राजसिंहासन पर बैठे।। स्पेनके राजा चाल स और १म किस पापममें झगड़ने इन्होंने अच्छी तरहसे राजा चलाया। आपसका मतभेद लगे। किन्तु उसो मालके जन मास चाल स गा. जाता रहा। ये थोड़े ही समयमें जर्मनी, बोहे. बनाये गये । उममय इनको गिनतो पो रामायण निया, लोमपरडो और बरगण्डीके भो राजा थे। इन्होंने । में होती थी केवल जर्मनीम हो इनका पाधिपणा निम्न लुमतिया और साईलेसियाके कुछ भाग बोहेमियाके | नहीं था, वरन स्पेन, सिसलो. नेग्लस पोर मरंदोनिया- भन्तर्गत कर लिये थे। इनके मरने पर इनके लड़के वैन के लोग भी इन्हें अपना राजा मानते थे। इन्होंने हमारे सेसप्लस १३०६ ई में राजा बनाये गये । इनके समयमें | धर्म का पुनरुद्धार किया। इस समय जर्मन पगा स्योमका घोरतर. युद्ध हुआ था। इनको मृत्य के पयात् कई एक कारणों से बहुत प्रप्रसव हो गये और होने रुपर्ट कुछ काल तक जर्मनीके राजा था। निःसन्तान मिल कर चाल ससे लड़ाई ठान दो। यह लड़ाई बान पवस्या में इनकी मृत्यु हो जाने पर इनके चचेरे भाई दिनों तक चलतो रहो जो इतिहास में पकको मुहार जोवस्ट और मिगिममुण्डमें राजा पाने के लिये विवाद कह कर मगहर है। फ्रांसपोरटकीसमोर कर पारम्भ हुपा। किन्तु १४.१ ई.में जोमटके मर जाने धार लड़ना पड़ा था । इनके याद १म फरडोनन्द पोपको .. पर सिगिममुण्ड हो राजा बनाये गये। इन्होंने दूमरे मम्मति के बिना राजा बनाये गये। सुनि इन्हें बहुत . टूमरे राजौम चौथ वसूल कर अपने राजाकी पाय उत्पोड़न किया इसलिये १५६८१०में दोनों में एक सन्धि यढ़ानकी खूध चेष्टा की थी, लेकिन वे इसमें कृतकार्य स्थापित को गई । १५६४ ई. में ये कराल कान के गान न हो सके । १४३७ ई. में इनका देहान्त दुपा। पीछे फंसे इनके समयमै राजकार्य में बहुत परिवर्तन किया इनके जमाई अष्ट्रियाके एलवर्ट राजसिंहासन पर बैठे। गया इनके पसात् इनके लड़के २य मक्सिमिलियन राजा ये केवल जमनीके हो राजा न घे धरन इंगरो ओर हुए। ये गान्तप्रक्षतिके थे । इस समय कोई विशेष घटना . योईमिया भी इन्हीं के अधिकारमें था । राज्यगामनको न हुई । पोळे इनके लड़के २य कडोलक राज्याधिकारी . पोर इनका अच्छा लक्ष्य था । १४३८ ई में इनका देहान्त बनाये गये। १५७५ ई०के पाल पर मासमें रोममें भी इन .. हो जाने पर इनके पाग्मोय सोरीयाके धक फ्रेडरिक का प्राधिपत्य स्वीकार किया गया । इनके राजागाम ४र्थ फ्रेडरिक नाममे जर्मनोके राजमि हासन पर बैठे। नमे प्रजा सुश नहीं थी। इनको मृत्य के बाद नका १४५२ में सब इन्हें गमको गहो मिती तब ये क्या लड़का ४ फ्रेडरिक सराधिकारी ठहराया गया। फ्रेडरिक नाममे प्रमिद हुए। पष्ट्रिया के इतिहासमें उन किन्तु ये नायालिग थे इमलिये इनका चचा जोन कातो. फा नाम बहुत मगहर हो गया है महो किन्तु जर्मनी मोर हा राजकार्य देखते थे। ये बहुत दयाल तथा । देगकी दगा इनके समयमें बहुत सराव हो गई। य उप्रिय राजा थे। उस समय भी सुकं लोग पूर्व क्षम पारों पोर नड़ाई जिड़ो दुई थो, गनु पो को ये दमन नोम बहुत मधम मचा रहे थे। इसलिये १८२ में मही कर सकते थे। इटली में इनका कुछ भो प्रमाय | दोनों में लड़ाई छिटो और १५.११. नवम्बर मासमै महीं था। मामफे राजाने इनके कई एक पधिकत | समाम हुई। तुर्कोने हार मान कर राजामे मन्धि कर मी भूभाग दपन्न कर लिये। जिप्तमे उन्हें राजामे जा कर मिला करता था यह बन्द पमम्सर १४५.म मपनोमिलियन राजा बनाये। कर दिया गया । कमोसफ बाद २य फरडोनन्द राजा गये। १४१० में रोने भीयमागेपोयनको मार! एए। ये कार माई तया पपने धर्म के प्रचार