पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/११७

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असनो ments आदिम ) इस प्रकारको रचनामें परिणत रस , जिस नवर्गाशकी प्राप्ति हुई थो, उमका विज्ञाय माहिया का परिचय मिलता है । परन्तु इस युगमें हाइजर्मनको . में दिखलाई दिया। दम युग सुपसिr Sivelunge. प्रपेक्षा सो जमन-माहित्यको ही हम जातीय प्रतिभा | nlied नामक महाकायको रचना हुई। इसमें अनी. का सम्यक विकाश देखते हैं। को जालोय गीतिकविता, गध, प्रवाद पाटि ममो की . . मौ युगमे हिलडारमै एडलो गीतिका, हलियगड स्थान दिया गया। मध्य य ग जर्मनोका जोगन चादि समय णोके ग्रन्थ रचे गये थे। इस युगमें वृत्तान्त इसमें बड़ी खूबोके माय दरमाया गया है। नाटक या गीतिकाव्यको उत्पत्ति नहीं हुई यो। म इमके नाटकीय भावका धणन मोर माहित्यिक मोदय . सिवा इस युगमें जम नौनि प्राय: लाटिन भाषा साहित्य को देख कर मभोको विस्मित होना पड़ता है। रचना की थी, इस कारण जर्मन-साहिताको उसनी . इस महाकाव्य के बाद हार्ट मन, घोलक.म और एनति नहीं हुई जितनो कि होनी चाहिए थी। । गटफाड इन तीन कवियोंने जन माहित्य पर पपमा । । म हाई जर्मन युग (१०५०-१२५०१०) प्रभाव फैलाया था। किन्तु हम युग में जान गया .. ईमाको १०वीं शताब्दी में क्लनिक विहार करनमें माहित्य का उद्भय नहीं दुपा था। भो तपद्यर्या और कृपा माधनाका भाव आरित दुपा था, ३। युग-सम्धिका पाहिल (१३५०-१६.)- उसके हारा जमेनी सयसे अधिक प्राकान्त दुपा था। ईसको १४वीं शताब्दीके मध्यभागसे की यगेगे। परन्त या प्रभाव गीध हो दृरोभूत हुआ . था. इसके समाजमें Ohivniry भावका झास रहा या । पिर प्रमाण नम युगक जमन-गोतिकार्योंमें पाये जाते उस भावके उदित होने से जो माहित्य यन रहा था, हैं। ये गोतिकविताए ईमाको माताकै विषयमं राया वह धीरे धौर विलग होने लगा । अब भाषवर्ण नाम न पन्शन्य माधुपुरुषों को जोवनी के अाधार पर लिखी गई साहित्यका कुछ परिचय दिया जाता है। हम य गर्म यौं। किन्तु इनमें एक प्रकारको रहस्यानुभूनिका रम भुगोमन मण्ट फोर्ट ( १३५७ -१४२३ ई.) चोर चोर- पाया जाता है। बादमें जब धर्म युद्ध के उपजनमें वाल भन पोतनष्टाइन कमियोंने जान मारिता- को प्रतिभा गोरयको रक्षाको यो । जिन्तु गोलिकाका जर्मन वारीने मायदिगमे पदार्पण किया. तब हम देशको जोयन य वा प्रणाली को देख कर ये मुग्ध हो इस समय विनु कुन होनाम हो गई थो । पापाका गये। उनकी कल्पना नयो रागिनो गाम नगी। यहो जीवन-यात्रा सम्पन्धो नाना प्रकारको कहानियाँको दम ममय के लोग बड़ो दिलबस्यो पढ़ते थे। कारण है कि alexarlertd पोर llerzog Ernat ___मो समय जर्म नाम नाट्य माहित्यको सापति दुई में हम उपन्यामका पाखाद पाते हैं। राजमभाम थो। १५वीं शताब्दों के पहले धर्मविषयक किम्म पाय भोर माहियका धमेगामे हो विकाग होता पा कहानियों के प्राधारंग छोटे छोटे नाटक र अनि म रहा है। ल मोमें भो म मियमका. तिकम नहीं थे। परन्त ५यीं शताप्दो माधारण जोयनयाता मी पा। सट भन यार्ग नामक एक कपिन पपने उरसट नाटकादिको भो उत्पत्ति होने लगी। Hat Tristant नामक सायम गाममा लिए उपयोगो Rosenplut पोर luns Folk ये दो माशिमिर विषयों का वर्णन किया है। इममें अग्रगोथे। मर शाद फरामोमो कविता के भावमे अमन. गरे बाद जर्मनोम धर्म मंझारका पादोलन उठा. माहिय कुल प्रभावान्वित हुमा । शिशु कुछ मायके हममें मार्टिन नगरपादि महापुरुषों ने पक मधोग पषात् जगमाहिताने पुनः प्राधाम मार्ग पर चलना सिपोर प्रेरणाको टिको। प्रोटीको दिगो TEर दिया। उमरे वाद जम मोम मध्ययुगक गोरयान लिए निकोन और गो मायकी , ' मव माहित्यको मष्टि का काम पसिान पाओगट : मने अनोक पायाम गामि माया पामम पर मनांग प्रतापो रामापक पधीन अममनातिको कर दिया।