पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/१४३

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भलवादित-जलवैकृत.. ..... नगवादित (मसो )जले वादितं । जलवाय, एक | हस्तमें २७शर, दक्षिण पादमें 1-८, वाम पाद - . प्रकारका बाजा जो पानी दे कर बनाया जाता है। । १५, वाम इस्तमें ३-५, मस्तक में १२-१01 मधार . जलवाद्य (म को०) जन्न वाद्यमिव । जलवाय, पानो । होते ममय नवौके पयस्याममा फन-मुदमे माग,... का बाजा। उदयसे सुखमम्भोग, दक्षिण हस्त पोर · दचिवपादसे अन्तवाना (हि० कि.) किसो दूसरेसे जलानेका काम | भोग, वाम हस्त और वामपादमे वास तया ममा में कराना। सुख होता है । जम्नविपुष सहानि पराम सोने पर जलमानोर (सपु०) जनजातो यानोर । अलयतम, उमको शान्ति के लिए कनकधुम्त र बोज पोर मर्यो पर जन्नत। जन्त मेंमे स्नान तथा विा का अप करना पायश्यक , जन्तवाय: (म. पु. ) जले वायसः काक इव । मंदगुः इमसे ममम्त शुभ होता है। पति कोई भी पुत्र पक्षो, कोडिला पक्षो। फर्म करनेसे अधिक फल होता है। संकात दंगो। - - अन्नवालक ( पु) विन्ध्य पर्वत । गृह पुष्पारणी प्रतिपादि कार्य कालाशति पनि पर . जलयाम (म० को.) अनेन वासो गधः यस्य । १ उगोर भी जलयिपुर महानतमें किये ना मकते । लम । (पु.) जनयामयति यस णिच पण । २ विष्णु . भाने यिपुरे चैव तथा विष्णुदो मता" प्रतिष्ठा व । . . कन्द। ३ मलिल नियाम, जलमें रहना। जम्नवीर्य (मपु.) भरतके एक पुत्र का नाम . " जलया ( पु.) जल वाति वह मण, १ मेघ, जलयिक (मपु०) जले हयिक स्य । चिटमरस्य, भीमा बादल। (नि.)२ जलवाहक, पानो ले जानेवाला। मछली। अम्तयारक (म.पु.) जनवहनकारो, यह जो पानी । टोता हो। जलयतम (स• पु०) जनजाती तमः । वामोर, जलवाहन (म.पु.) जलपाइक। जलत! इसका पर्याय निकुन्नक, परियाध और नादेयो जनविडाल (म. पु. ) जसे विदाल पूव। जमनकुल, है। इसका गुण-गोसत कुष्ठनागस पोर पाकिर है सदपिलाय। | जलवकत (स. को) वितस्य भाय: यश मतप्प जनविन्दुजा (म स्त्री. ) जलमिन्टुम्यो आयते जम् . वत', ६-तत् । नदो भादिके जल पमहालको धित लियां टाप । १ यावमानो शर्करा. याचनास शर्करा करनेवाले विकारों का उत्पन्न होना । पराहमिहिर मामको दायर पोषध। दमे फारमोमें गौरवितरत | मामे-नगर के पास नदियाँ सरक आने वा मगरल करते हैं।२ मेगा । (वि०) ३ जनविदुजात. जो पन्य कोई प्रगोप्य उदादिसूप जान गोरो गर । पानोको 'दमे पैदा होता हो। (सो.) ४ तीर्घ भेद, गन्य से माताहै। नदियों में यदिन, रमवा मांस . एक सोय का नाम। २६ता दिखाई दे। पानो यदि म मा में आपका अलथिन (म.पु.) जलप्रधानो दिय । कोट । उल्टा याने सगे, तो उमेर मामफे मोर परपी: वाड़ा । २१कामा। ३ अनपावर, घोटा। पागमनको मचना ममझनो चाहिये। कुए में थाना .. सामाय | ४ प्रधान कल । धुपा पादिका टिपाई देना, उमर पानीका परम . विषुव (म.पमो.) जनप्रधान विज्ञासुमामा होना या हममें रोदन, गन पोर गामको सामान लि. पानिन निदिना (गः) जिस दिन शरा. होगा. याममो मोक-मागके कारण। पापातम गगि सुमारागिर्म जाता है. राम दिशा मान - ममही उत्पति जोन, जमके प, रम. गप पाटिका विध महानिक मशार होते ममय, मो. प्रामात् बदन जाने या जना मिनि महत को पवरिसतिक विषयमें ज्योतिष गापामे म प्रकार मय पहित होता म प्रकार प्रमोद सिपा-गुम १८-१२. दयमें २१-२६. रिया पलित होने पर पादप सन्धरा मागको