पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/१५२

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· · नलान्तक-जलालदीन मुहम्मद .: १३८ २ किसी पदार्थ को अधिक गरमी द्वारा भाप या कोयल जलाल-उद-दीन पूर्वा-बङ्गदेशकै एक राजा । ये हिन्दु प्रादिक रुपमै लाना ।३ गरमीसे पीड़ित करना, अन्न- १ राजा गणेशके पुत्र थे। इनका अमली नाम था जोतमल सना। ४ किमों के मनमें डाह इत्यादि उत्पन्न करना। और किसीके मतसे यदु । पिताको मृत्यु के उपरान्त मुगल. जलान्तक (म० पु०) जलमवान्तो भूमण्डलस्य मीमा यत्र । मानधर्म ग्रहण कर ये १३८२ ई. सिंहामन पर अधि- कप । १ सात समुद्रों में से एक समुद्र । २ सत्यभामाके | ठित हुए थे। किमोके मतमे-इन्होंने एक मुमलमान गर्भ से उत्पन्न कणके एक पुत्र के नाम । औरत मेममें फम कर मुसलमान धर्म अवलम्बन किया अलापा (हिं पु०) १ वह दुःख जो डाह या दुर्था प्रादिक था। इनको पहले पहल हिन्दूधर्म पर खूब श्रदा थो। कारण होता हो । २. एक प्रकारको अंग्रेजी दवा। किन्तु मुसलमान होने पर इन्होंने हिन्दुओं पर काफो जलायात (सपु०) जलस्य श्रापातः। उच्चस्थानसे प्रवल अत्याचार किये थे। ये मुमतमान प्रजामोंको पुत्र . वेगसे जलपतन बहुत मचे स्थान परसे नदी आदिके जल सामान पालते थे. इसलिए मुसलमानों हारा ये "नोसर. का गिरना। प्रपात देखो। यान" कहाते थे । १७ वर्ष राजा करने के उपरान्त १४१० जलाम्बर (सं• पु०) एक बोधिसत्व । इनके पूर्व जन्मका ईमें ये अपने पुत्र महम्मदको राज्यप्रदान कर परलोक नाम रातभद्र था। मिधार थे। जलाम्बिका ( . स्त्री०) जलस्य अम्बिका माता व जलान उददीन सजुती-मिय देश के एक ममिड पहित । अप, प्रा। इनके पिताका नाम रहमन बिन प्रयकर था। याद सत्ताम्मुगर्भा (मस्त्रो . ) गोपाका दूमरे जन्मका नाम है कि, इन्होंने कुल चार-सौ पुस्तक लिखी थी । उनमें से मतायुका (म• स्वो०) अन्तमायुरम्या का प्रपोदरादि- दुर्गत मन्सूर, सफसोर जलालइन, लुब, जामाउन - दित्वात् सशोपः। नलौका, जोक। जोंक देखो। । वामा, कम फुम.. मलम ला-ठन् यम. फुज जलजला ये जलारपेट-मन्द्राजके सलेम जिलान्तर्गत तिश्प्यत्त रका | कई एक पुस्तके प्रसिद्ध है। शेषोता पुस्तकम-१३० एक ग्राम । या पक्षा० १२.३५ उ• और देशा० ७८ से उनके ममय तक जितने भूकम्प हुए 8--उम मबया १४ पू०में पथस्थित है। लोकसख्या प्रायः २.५१ है। विवरण लिखा है। १५०५६ में इनकी मान्य हुई। मन्द्राज और बङ्गलोर रेलवेका जंकसन होने के कारण जालान सदोन फिरोज खिलजी-फिरोजशाहखिलजी देखो। यह स्थान बहुत प्रसिद्ध है। यह मन्दाजसे १३२ मोल जलालखेरा-मध्यप्रदेशके नागपुर जिले का एक शहर । धौर बङ्गलोरसे ८७ मीलकी दूरी पर अवस्थित है। यह प्रक्षां २१.२३ उ० और देगो ७८ २८ पू में तथा मलाक (स.पु.) जनप्रतिविम्बितोऽक । जलप्रति कातोल से १४ मोल पश्चिम जाम और वहीन इन दो विन्धित सूर्य, पानोम सूर्यको परछाई। नदियोंके संगम स्थानपर अवस्थित है। यहाँक रहनेवाले मसाव ( पु.) अलमयोऽव। १ जलसमुद्र प्रधिकांश कृषक है। प्रयाद है, इस नगरमें एक समय २ वर्षाकाल, बरसात। ३० हजार मनुष्य रहते थे, बाद पठान मैन्य के अत्याचार- जलार्थी (म०वि०) जल अर्थ यति अर्थ णिनि । जला । मे यह शहर तहस नहस हो गया। अभी भो शहर मिलापी, पासा। चारों भोर प्रायः २ वर्ग मोल स्थानमें नगरका भग्नाय- जलाई (म'• पु० ) जलेन पार्टी मिलः ।आई वस्त्र, भेष देखनम पाता है। कोई कोई अनुमान करते है भीगा हुपा कपड़ा । (वि.)२ जलमित, जो जनमे कि पमनर और जलालखेरा एक बड़े नगर थे। गीला हो गया हो। जन्नालदोम-हिन्दीक एक कवि। जम्मा (स. स्त्रो०) १ सिववस्त्र, भीगा कपड़ा। २ जलाल दोन प्रकवर-हिन्दोके एक कवि। भाद्र तालहन्त, भीगा पंखा। . . जलाल उद्दोन महम्मद पकवर-अकवर देखो। जसास.(प..यु)प्रकाश, तेज । २ मातह, प्रताप जलालदीन मुहम्मद-उर्दु के एक कयि पकयर वादमाह.