पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/१५४

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जलालाबाद दुखारोके पुत्र । १५८४ ई० में इनका जन्म हुआ था। १५७० ई में अकबर बादशाहने जन्तालाबाद वमाया बादशाह शाहजहां इनकी अत्यन्त भक्तिथदा करते थे। था। १८३४ ई.में प्रमोर दोस्त मुहम्मदने इसे तहम 'बादशाहकी महरवानीसे इन्होंने तमाम हिन्दुस्तानको नहम कर डाला। १८३६४३ के अफगानयुद्धमें पर 'सदारत्" और छह हमारी मन्सबदारका पद पाया, रोवर्ट मेलने बहुतसो कठिनाइयों को झेलते हुए १८४१ . था। ये बहुतसी कविताएं लिख गये है, जिनमें 'रजा" के नवम्बर महीने में इस शहरको हटिश शासनाधीन 'नामसे इन्होंने अपना उल्लेख किया है। १६४७ ६०में | क्रिया। किन्तु रमद घट जाने के कारण अपनी सेना (१०५७ विजिराम) २५ मईको इनका देहान्त हुआ था। वहां रह न सकी। अन्तमें १८४२ १० को फरवरोको जलालाबाद-१ अफगानिस्तानका एक बड़ा जिला।। अफगान सरदार मुहम्मद अकबराने इमे पुनः हस्तगत इसके उत्तरमें बदखशान, पूर्व में चित्राल तथा अंगरेजो | किया। लेकिन १८७५.८० ई० को अफगान युधमें घग- राजा, दक्षिणमें अफरीदी 'तराइ, पश्चिममें कादम्प प्रान्त | रेजॉन जलालाबाद अधिकार किया। आम हन्न यहाँ है। समस्त देश पर्वतमय है। पूर्व मीमामें हिन्दूकुश अफगान सैन्य रहता है। पहाड़ है जिसको कई एक बड़ो बड़ी चोटियां हैं। जलानाबाद -१ युक्त प्रदेशके शाहजहांपुर जिलेको दक्षिण पश्चिमी सीमा सफेदकोड है जो जलालाबाद उपत्य पश्चिम तहमोल । यह अक्षा २७ ३५ तथा २७ ५३ कागे ने कर अफरीदी तिराह तक विस्टत है। सारा | उ० और देशा० ७८ २० एव ७८ ४४ पू०३ मध्य जिस्ता काबुलको नहरमे सींचा जाता है। इसके मिवा अवस्थित है। क्षेत्रफल ३२४ वर्ग मौल और लोकसंख्या जसोरिटगो, अलिग, अलिनगार और कुनार नामके | प्रायः १७५६७४ है। इसमें एक शहर मोर. ३६० गांव पौर कई एक सोते हैं.निनका जल सिंचाई के काममें भाबाद हैं। मालगुजारी कोई २१७०००है । पाता है। यहां विभिन्न जातीय लोग रहते । हिन्दुपों..दक्षिण-पयिम सीमा पर गङ्गा बहती गौर माभागसे कीसंख्या अधिक नहीं। दृष्टीय ५वीं शताब्दो तक | रामगङ्गा चलतो है। इस उपत्यकामें बोद्ध धर्म का प्रावल्य रहा। हजारों वर्ष २ युत्तामदेशके शाहजहांपुर जिलेको जलालाबाद 'मुसलमानों का प्रभुत्व रहते भी जलालाबादमें प्राचीन तहलका सदर । यह प्रक्षा' २०४३ :० और देशा. हिन्दू अधिवासियों के बहुममे निदर्शन आज भी देख ७८ ४० पू०में घरेलो शाहजहांपुर मड़कोंको मोड़ पर पड़ते हैं। यहां पुराने पूर्व रोमक साम्राजाके और बसा है । लोकमख्या प्रायः ३०१० होगो । जलालाबाद सामानीय तथा हिन्दू सिक मिले हैं। पठानका पुराना शहर है। कहते हैं कि-जलान उदोन २ अफगानिस्तानके जलालाबाद जिले का एक मात्र । फिरोजगाहने उमे पत्तन किया था। एक पुराने किलेंगे नगर । यह अक्षा. ३४.२६३. पोर देगा. ७०.२७/ सरकारी दफतर है। रेलवे स्टेगनमे दूर होम के कारण पू०में पेशावरसे ७८ मोल दूर और कावुलमे १०१ मोल । यहांका वाणिज्य व्यवमाय कुछ काम हो गया है। यहाँ दूर अवस्थित है। नगरको चारी पोर २१०० गज विस्टन एक भी अच्छा मन्दिर या मस्जिद नहीं है। यहां एक माचीर है। लोकसंख्या प्राय: २००० रहतो, परन्तु गोत । अस्पताल और American Methodist_mision ऋतने पहाड़ियों के पा बमनेमे चोगुनो पड़तो है । जन्ना- स्कूनको एक भाखा है। • साचादसे काबुल, पेशावर और गजनोको सड़क लगो। जलालाबाद-यमाप्रदेश के मुजफ फर नगरको कैरान ताप है। पेशावरको मेवा और लकड़ी भेजी जाती है। पशिम | मोनका नगर । यह अक्षा० २६३०३. और देशा. • हारमे २.० गज दूर प्रमौरका राजमाताद है । यह १८०२/ ७७२७ पू०में अवस्थित है। नोकस'च्या प्रायः ६८२२ १०में बना था ! गर्मी में रहने के लिए जमोनके नोचे कमरे है कहते हैं कि भोरगञ्जयके ममय जनानखां पठानने हैं। सुले बरामटेसे उपत्यका और निकटम्य पर्वतोंका। उसको घसाया था। यहां प्राधमोलको दूरी पर रोहिलके दृश्य अच्छा लगता है । जलवायु पेशावर जमा है। । प्रधान नाजिवकि बनाये हुए प्रसिद्ध धौमगढ़ दुर्गका Vol.- VIII. 36