पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/१६३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

१४६ जलेगय-जलोक ममुद्र। ३ जनाधिपति। ४ वर्षभेद । बलाधिय देशो। को पाराधना करने पर इनका नाममा या! रोने मलेगय ( '• पु० ) जन्ले गेले गो-पच मातम्याः प्रलु ! म्नेकों को परास्त किया था। धनुविधाम ये परितोय १ मस्य, मानो। २ विगए । जिम ममय मृटिका न घे भौर जलस्थमानविद्या मो इन्हें याद यो । क्षेत्रमा जोता, उस समय यिणु जलमें शयन करते हैं इमाम नन्दोग और विजयेश्वर नामको नाम गिय मूतिया रन इनका नाम अलेगय पड़ा है। की पाराधा देयता थीं। न च्छों के माय गुधकरते माय 'तुम्बरिणो महाप अदरेता जोशयः।" (मारत ३९८)ये उन्हें मागरतोर पर्यन्त भगा ले गये थे, वहाँ पर जिम . (वि.) ३ नलमें प्रवम्यानकारी, पानी में रहनेवाला । स्थान पर इन्होंने पियाम किया और वो अपने म अन्लेजर (म'• पु. ) जन्नस्य देखरः । १ वरुण । २ समुद। यांधे थे, यह म्यान उजत डिम्ब नाममे प्रमिए ।ये . ३ हिमानयस्य सोविगेप, हिमालय पर्वत परका एक कान्यकुल प्रदेश जोत कर व : चारों वर्गाके कुछ प्रो . तीर्थ । ४ जलाधिपति। भादमियोको काग्मोर ले गये थे। इन्होंने मामाजिक पोर गलेवर-जमेसर देगी। राजनीतिक विषयमें काफी उयतिको घो। इनकी पयो : जलेमर-युक्त प्रदेश के एटा जिले को दक्षिण-पशिम | का नाम शानदेवी धा, ये भो अत्यन्त बुद्धिमान 1. तरमोन । यह पता. २७°१८ मा २७ ३५ उ० पोर महाराज जन्लोकको नन्दपुगगा सुनना बहुत अच्छा देगा. ७८.११ एवं ७८.३१ पू. मध्य प्रयस्थित है। लगता था। इन्होंने यीनगा ज्येष्ठान का एक मदिर क्षेत्रफम्न २२० यर्ग मोल मोर लोकमख्या प्राय: । बनवाया था। ऐम कहा जाता है कि, एक दिन ये १५३३८८ है। हममें २ नगा और १५६ ग्राम पाबाद | विजयेण्डरके मन्दिरको जा रहे थे, उम ममय एक सोने मानगुमागे कोई.२०८००० है। पपर गङ्गा नहरको पा कर उनसे खानेको मांगा। जमीयाने उम सोमे ... इटामा गाग्वामे खेत मीचे जाते है। पूजा-"पापको क्या खाने को पका है।" म परम जलेमर-युतपदेयके एटा जिले को जलेसर तहमोनका स्तोने विकत पाकार धारण कर उत्तर दिया-". मदर । यह पता० २०२० उ. पौर देगा. १८ राम ! मुझे नराम पाने को रचा है।" लोक का पू में पम्पिास है । लोकममा प्रायः १४३४० है। यह मुसार दान देने को प्रतिमा तो कर हो चुके घे पोर मरे. की अनमन्दिर पोर यादुतमे जैन याम करते हैं। इसमें! का 'यनाग करना भी प्रयाय ममझते थे, उमपिए टुगे: पोर निन्न नगर दो विभाग है। कहते हैं, खटोय। उन्होंने विचार कर उत्तर दिया--"पाप,मेरे योरम १५ यो गताग्दो को मेवाड़ के रागाने या किला बनाया किसो भो स्थानमे जितना प्रावासक हो, उसना माम पा। परन्तु पय उसके मायगेपमें सिर्फ एक टोना हो निकाल कर भक्षण कर मकतो ।" रामाके उसरमे • रह गया १५०को मुगिसपालिटी हुई। सूती कपड़ा. सन्तुष्ट को कर राक्षसोने कहा-"महारान! य गोगेको चदिया और कामे के गहने यमाते हैं। यहाँ गोरे दितोय युद्ध है।" राजने कहा- कोन!" रातमीने - का बस बड़ा कारपामा करको कम्नमो धनसोई। उत्तर दिया-"लोकालोक पर्यो म पार जा सय जलेमर-उसोमागरात के वालेजर जिने का एक ग्राम । को किरण कभी प्रयेग नहीं करमों, उम म्याममें तोय या पता. २१४८ . पोर देगा. ८०१३ पू.में मामको एक प्राति है । ये दुगको उपामगा करने : सुवर्णरेमा मदोरे याम तट पर स्थित ५। यहां क्रधि हिम कहते हैं, ये महों जाम । यदि कोई वा . महाम-नागपुस्मशागम पोर कनकसे झामकानो पनिट करे, गो भो ३ मा उमार होकरी में बड़ो महक। पाले मलेमरमें वर्तमान मेदिनीपुर मोग थियो पर मय पोर मामा पार करने के लिए जिनको ममममाम मरकार पोर १८ यो मताप्दा व्यय पहले सपा पाने उनका महापमिट किया मारंट पिया कम्पमोचा एक फारसाना था। पापने दुष्टमोगों की मनाइम मका एक देवमसि समोश (प. पु. ) धाग्मोरगा पगोकक पुव । महादेय मुड़वा दिया। पोप की पार भी गया नीमिय।