पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/१७०

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१५३ नसार (यमोहर)-जस्तई होने पर भी माधुसेवाके लिए खरा षिकार्य करते ।। बोलते हैं। शकरके लिए खजूरके बाग लगाये जाते इनके दी बन्न और एक इस धा, उन्हींसे खेतो-बारी हैं। पशु अच्छे नहीं होसे । मोटा सूतो कपड़ा दप्ती करते थे। एक दिन एक चोर उनके बलोको चुरा ले करघामे तैयार किया जाता है। चटाईयां पोर टोक- गया। भगवान ने माता के बैलोको चोरी होते देख उनको रिया भो बहुम बनती हैं। कलई पोर खाने का चूना जगह वह वैसे हो दो वैन बना कर रख दिये । जसु शामें प्रस्तुत करते है । मोने चांदो के गहनों मोर पोतात. को यह बात माल ममो न पड़ी। भगवान की कृपा | के बर्तनों का खून काम है। धान, दाल, पाट, पलमो, इनका प्रभाव दूर भा। किन्तु उस तस्वारको खेतमें | इमलो, नारियल, गुड़, खली, चमड़, महाके घड़, गाड़ी और पनि घर इवह एकमे बैलोको देख कर बड़ा के पहिये, बास, हड्डो, सुपारो, लकड़ी और घोकी पाथर्य मा। चोर ने इन्हें अमाधारण शक्तिमान् जान | रफ तनी होती है। ईटन वहाल टेट रेलवे नगी है। उनके पास पाकर अपने दोषको मंजर करते हुए क्षमा ५८५ मोन सड़क है । उतारे के ४५ घाट चलते हैं। ५ मांगी। धर्मात्मा जसखामीने क्षमा प्रदान कर उसे अपना । मबडिविजन हैं। किसी समय डाकेके लिए यह जिम्ना शिष्य बना लिया और मर्वदा वे उसको धर्मोपदेश देने मगहर था। मालगुजारो कोई ८ लाख ५४ हजार है। लगे। पोछे यही चोर उनके प्रमादमें एक परम माधु जसोर-बङ्गालके नमोर जिलेका सदर सबडिविजन । धन गया । (भकमाल ) यह प्रचा० २२.४७ तया २३. २८ उ० पौर देशा०८८ जमोर (यगोहर) बङ्गान का एक जिला। यह प्रमा० २२ ke' एवं ८८२६ पू० मध्य पड़ता है। क्षेत्रफल ccc ४७ एवं' २३४० उ० और देगा ६४ तथा यगमोल और लोकसख्या मायः ५६१२४२ है। इसमें ५० पू० मध्य प्रयस्थित है । क्षेत्रफल २९२५ वर्गमोल है।। १ नगर और १४८८ व पायाद हैं। इसके उत्तर एवं पथिम नदीया जिना, दक्षिण शुलना जसोर-बहाल प्रान्त के जसोर मिलेका सदर । यह प्रधा० और पूर्व को मधुमती तथा वारासिया नदो है। नदी नाले २३.१.७० और देगा. ८८ १३ पूम बटम बननम्त बहत वहते हैं। जङ्गल कहों भो नहीं है। जहाली टेट रेलवे पर भैरव नदोके किनारे बसा है। लोकसंख्या 'कुत्ते दीख पड़ते हैं। मायः ८०५४ है। १८५४ ई० मुनिसपालिटो हुई। यहां पहले यह पाचौन व राज्य का अवल था। कहते ३ छापाखामा है और कई पखवार निकलते हैं।

  • ४॥ शताम्दो पूर्व खाजा पलो वहां पहुंचे। दूमरीका

शहरमें कलका पानी पहुंचाया जाता है। कहना है कि बङ्गाल नवाब दाऊद खाके एक प्रधान जसोल -गजपूतानाके नाधपुर राजामें मनानी जिलेके विक्रमादित्यने उसे जागीरमें पाया और एक नगर पत्तन जसोल क्षुद्रराजाका सदर। यह प्रसा. २५ ४६४. करके अपमा नियामस्थान बनाया। फिर सोन अमो- पौर देशा ७२' १३ पू॰में सूनो नदोके दक्षिण तट पर न्दारियों में बंट गया। जसोरके पधिपति पचड़ा राजा जोधपुर-बीकानेर रेलवे के बालोतरा टेशनसे २ मौल कहलाते थे। यह पपनेको मेनापति भवेखर राय का वंश- दूर पड़ता है।चोकसंख्या २५४३ है। इसमें ७२ गांव घर बतलाते हैं । १८२३६. गवर्नमें गटने जमत किया ११ ठाकुर साहब जोधपुर दरवारको २१.०१. फर साहोस परगना रामको लौटा दिया और राजाको देते हैं। इससे ५ मोस उत्तर-पचिम मसानोको राज- वावे माहाय्य करने के उपलक्ष गा बहादुर उपाधिये धानी खेड़ और दक्षिणको सुप्रसिद्ध नगर नामक स्थान विभूषित किया । १७०१ को पूरा प्रप्रेजो इम्तिजाम कावंसाव शेष है। यहां पति प्राचीन राठौर निवा- दुपारी मियोके वंशधर घसमान रे। जसोरकी लोकसंख्या प्राय. १८१३१५५ है। पौने नस् (सं० ली.) क्रान्ति, थकावट। का अच्छा पानी नहीं मिलता। स्वर, विशूचिका आदि जस्त (हि.पु.) मरता देखो। रोगोंका मावस्य है। पूर्वको भूमि उर्वरा है। सोग बङ्गला। जस्तई (हि. वि०) जस्से के रंगका, चाको। .Vol. VIII. 39