पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/१७५

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१५८ नागोर माम मामु गादीम मनोम मिजां रहा। राज्यगामन करेंगे। कि उनके प्रमत् परियन रस धादगार प्रकपरने म म उपलतम विविध प्रलय विश्यमें प्रधान पनारायका काम किया। पारिट पादिरिये है। यह पुय मो ममादक पदमा प्रिय थे। इदा रहने पर भी ये सगृहनतामे गप्प मामन मश १५८५९ में मनोम माय पामरके राजा भग मर्स घे। परम्नु रतमा होनेपर भी पकरारा पानदाम की कन्या पोर प्रस्यात राजा मानसिंहकी | प्रतिष्ठित राय की मीर उम ममय मम पर ममत भगिनी जोधाबाईका यिवाद दुपा। थी। कुक भी हो, जहांगीरने ममाद हो कर गुमामदश १५८७ ई. में गयमिहने कुमार मनीमऊ माय कुद पामाम दिया। अपनी कम्याफा यियार कर दिया। पहले हर एक की तकदीर इतनी जोरदार नही ___ यादगाने. बचपन में मनीममा विविध गिधाएं दी होती थी कि, जिममें ये वादगाहके दर्शन पाम: पी पौर उन्हें मपरिव मनाने के लिए पूरी सौरम कोगिग भी विचारका प्रार्थी ममादफे सामने नहीं पाप महा की थी। परना यादगार की फोगिक विगैप कार्यकारी | या। फर्मचारियोंको डानियां या वध विना दिये नही हुई। मनीम तरह तरह की कुक्रियापोंमें पामा | कोई भी पपनी फरियादको यादगा कानी साम सो गये। सनीने गुदयिद्या मीख ली थी। यादगाहन | पहुंचा मफता था। इस दिक्तको दर करके निर.. उन्हें राजा मानसिंह माय योरगरी महाराणा प्रताप | तया जिममे मब कोई महममें सुविधारको पा गई, मिक विगह प्रमिह पलदीघाटके गुहमें भेजा था। इम | इमलिए नयीन ममा जहांगीरने एफ मोने की अंजोर सुबगे ये बड़ी मुशिन नीट पाये थे। वनयाई । म एक होरका सम्यन्ध रामपामाद के मानी प्रकवर गंप पयम्पामें अपने प्रियपुय मनीमके लिए रके माय पोर दुर्ग डोरका जमुना किनारे एक पाय माममिक फटमे पीड़ित १ए थे; पर प्रामें मनीमने भी रमे या। यह संजीर १० गत मम्मी की पोर मर्ग पपने अपराधको समझ कर पिता पाम झा मुपाफी मोर्ने ( घाटं बंधे हुए थे। ये घपर यादगार मांगी थी। १५.५१. में मृत्य गया पर पड़े गए पक- घण्ट्रीमि मंयुक्त थे। मरने पुरको बुलाया और राज्य प्रधान प्रधान पमीर यदि कोई पादमी दम जीरको दिलाकर पा उमरायो मामने मनीमको ममाट पद पर मनोनीत बजाता, तो उमो ममय यादगाएको मानम होगा कर उन्हें राशीय परिषद, मुकुट पोर सनमारमे / पीर ये मामने पा जाते थे। पर एक पासमी धी : ' उमतिम करन लिए पगुमति दी। हिमाकर यादगार पाम यिपार प्रार्थना कर माता १४ हिरा, शुमादमानी ( १५.५ १., १२ था।मनिए कर्मचारी गण प्रताड़ित पहियों पाममे पोषा) वृतम्पतिधारको ३८ वर्ष की उमा मलीमने | किमी सरहका उधोधन मे मरते थे पोर आयोहित पागाके किसमें पिरमिधामन पर बैठ कर जहांगीर' प्रा कर्मचारियों की शायिका मी ममाद मामले पर्यात् पियविजयी उपाधि पाई। पागात शिमम टपति को मफले । दमीटरवर एक पर पर रांगारको पभिपत. _____ यादगार भागीरने पर ममम करने पर पटना मिलीमी पनिाम पहिरम प्रकार टोपीफा मंहार किया। सोने ममया और मायाही fet--"मार यादमा गोर दुनियां वाद- मामी होकर बिठा दिये। रम मिया मार स. १.१४" प्रहांगीर पनि न गगीरदार माग प्रजामोपचाय कर रिपात जिमीन पादपक कविता बनार यो, एम समि। ३ पाहिये। मोकामगर्म दर मा dis सीमा दिया गया गाभा मोर का हर रखता. माम मर नगर fuTER Cr कर र भोपा की समपान पोरे पनि मिप आगाम fo frre भा और महिमा नाति मा दिया और पानि अमीन र भार .