पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/१७९

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

वहांगीर मौओ दुमेन दिलायर देगा, हुमेनग दोवान और । चलनेको करने लगे। सुगकने हुमेनमेगळे मामार नरठहोन कुनिने नगरको रना लिए सेन्यममविय कावुल जामा की पमन्द किया: जिममे हिन्दुस्तानो पौर किया था। घर मैयद पनि चन्द्रभागा नदी के किनारे अफगानिस्तानियोंने उनका माय छोड़ दिया। १रे डाल दिवे घे; किन्तु गरुके विद्रोही होनेका सुगर शाहपुर नामक स्थानसे पार न मकने । मगवाद सुन कर वे भी तुरंत लाहोरकी तरफ चन दिये | कारण माहदराको चल दिये। इनके पराजित होने पौर शोध ही बादगाहको मेमाके गाथ जा मिले। पहले ही पन्नास के जागोरदारी पोर नौशाके रक्षकको उधर जहागीरने पागरा कुलोके उधानमें डेरे डालने खुशंहले विषय में सावधान रहने लिए पादेश दे दिया । के उपरान्त सुना कि उमो रातको खुसरु मम्राट गया था। राविको जिम ममय खगरू पार हो रहे थे, मैन्य पर प्राक्रमण करेंगे। कुछ भी हो यादगाइने | उम समय शाहदराक एक चोधरीने उन्हें देख कर बार- मैनो शेख फरोदर्जाको अधीनतामें लाहौरकी तरफ शाह के वनको उन्हें याद दिलाई और माय रोक तो। मेज दी। इम सम्घाटको पाते हो उस घाटके पधाप पडला कागि रम मेनाके नगरकं मामने पहुंचते ही खगरुके माय | मखां कुछ अनुवरों मोर पाखारोगियों के साथ वहा घमसान युद्ध होने लगा। पाखिर खुबह परास्त हो कर पहुंचे। हुमायुन् बेगने चार नाव को न कर पार होने भाग गये। बादगाह फरोटको पहले भेज कर टूमरे | को कोगिय को, परन्तु एक नाव माल में पड़ गई। .. दिन जब खुद पप्रमर हो रहे थे, उम ममय रास्तैमें | ____ बादशाह-कुमार जजोरों से पांच लिए गये । इस " उन्हें विजययाती प्राप्त हुई। मादको सुनते हो जहांगोरने एसरुको ले पाने हे गोविन्दवाल सेतु को पार कर किश्चित् अग्रसर होने लिए पमोर जन उमरावको भेज दिया। ये मौओ . पर गमगेर नामक तोशाखानाके एक नौकरने पा कर कमरानके उद्यानमें ठहरे हुए थे, खुमहको भो वी. . वादगाहको विजयमम्बाद सुनाया, इस पर बादशाहने पहुंचाया गया। यह दृश्य बहुत ही गोपनीय उमको खुशखराको उपाधि प्रदान को। और पायन्त भयानक था । युवराज पायम " जहांगोरने खपरूको यशमें लाने के लिए पहले मोर जजोर पड़ो हुई थी, उन दाहने हुमायुन वेग जमान उद-दोन को भेजा था। उन्होंने इस समय पा) और बायें अवटुन्न प्रजोग खड़े हुए थे। कुमार कर कहा कि, मुगाका मेमवल इतना पधिक पौर मेना सुमह उन दोनों के बीच में बड़े हुए कॉप रहे थे । इसनी माहमो है कि, फरीदको थोड़ो मेना उनको खुमलको कारासह कर दिया तथा हुमायुन पोर पाटुन किमो तरह भो परास्त न कर मको। बादगाइको पहले | पनीजको गाय और गधे को खासा भर दिया गया। तो गमगेरकी बात पर पविलास पा। किन्तु पीछे इसके बाद उन दोनोको पोछेको तरफ मुंह करके गये ... उगएकी मवारी के पा जानेमे उन्होंने विशेष पानन्द पर चढ़ा तमाम शहरमें घुमाया गया। गायका चमड़ा . मकर किया। म युइम फरोदने विशेष विकमके पाय | जन्दो सूमता है, इसलिए मायुनने शीघ्रहो अपने शरीर . युध किया था। मेफखकि गरीर पठारए अगह घायल | विदानो। पबटुलके भी एक दिन पर एक गावि बाद पाया। प्राण-पढक छड़ गये। इस दृश्यका पमोतक मत मही • युग पराजित हो कर कापुस्तकी तरफ भाग गये। पा। मम्राट की प्रतिहिंमा रसने पर भी हाना। पादपारने उनको पकड़ लाने के लिए महायतमा पोरउन्होंने लाहोरमें मगे शिया। नगरके हारने लगाकर पत्तीवेगको भेजा। मगर अब वितस्तानदोके किनारे | कमारनके उद्यान तक दोनों ओर शूलियो की दोपहिया ' पपस्थित हुए, हम उन पनुचरोंमें दो मत हो गये। नगा दी गई। यादमाहने ७.. कैदियों को सूतियों पर कोई कोई तो यह कहने लगे कि हिन्दुस्तानमें ही रह पढ़ा दिया। पभाग के दो मृत्व यन्त्रमा सस्पन कर राज्य अधम मचाना ठीक पौर कोई काबुलको मगे। म मर्मभेदी शाको दिखाने के लिए समकको