पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/१८७

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१६४ वहांगीर गाय मियाद करने की इच्छा होने पर भी उनका विवाह पत्तोलिने घृणा माघ उमका प्रयास्याम दिया। . चनी निके माय हो गया। वादगाइने पलीकुलिको पापिरको रान्य दे बने शहाने में उन्हें बुलाया । मेर: गामनकर्ता बना कर वहाल भेज दिया। अफगान म मायाचारोको ममझ फर एक सोश सप्त.. महागोर मेहरम्निमाको भन न सके। वे वाद- वार कपड़ों में दिपाले गये । फुतुपके फिर मोउविमा . गार होकर उन्हें पाने के लिए सुभीता ददने लगे1 की बात छेड़ने पर वादानुबादमें गैरपफगानने इन पन्नोलि प्रत्यन्त माहसी और धनाट्य प्रमौर थे, उनको वयस्थल पर तलवार भोंक दी। Fi दिशा उठे। . त्या कराने के लिए ममाटमा साइमन दुपा ये कोयना! पोर महम्मदने पागे बढ़ कर गेर पफगाम के मस्तक पर जात फलाने लगे। पन्लोकुलिको मारने के लिए लहा. एक बार किया, परन्तु पञ्च मन्मानमे - उभे रोक कर . गोरने इतने घणित और भोषण उपायों का प्रयन्नम्मान गेरने पोरका मसफ चूगो कर दिया। प्रहरियों के भागे किया या कि, इतिधाम न मिलनेमे कोई भी उस बात बढ़ने पर शेरने देखते देखते पार पादमियों को जमीन पर विनाम न कर मकता था। ममाट के आदेश पर गिरा दिया । परन्तु वे प्रकले पया फर मारते थे। एक प्याघ लाया गया। अम्तोकृतिको मात्रा दी गई कि तब भी योरका उत्साह नहीं घटा था। पाविर प्रहरि . "तुम्हे इम ध्याघ्रके माथ युद्ध करना पटुंगा। ममाट योंके दूरहोमे गोलियोको वर्षा करने पर उन्हें भूतलगायो सयं उनको मृत्य, देने के लिए दर्शक बन ! होना पड़ा। म तर पममयोर फायरों और मशागड प्याघ के माथ युद्ध ममय नहीं। परन्तु पवीकार गिान व्यक्तियों के साथ निइस दए। इसके उपरामा करनमे उम मातको सुनमा कौन है ? ऐमी दगाम अपनो, जागोरने राजद्रोह और पढ़यन्त्रका अपराध लगा कर . मृत्य पनिवार्य समझ कर ही पलोकनि नगी तालबार मेहेरविमाको पागराम बुला लिया। फुतुबकी मारो हायम ले पागे पढ़े थे, किन्तु पारार्य है कि उन्हनि | मम्पत्ति राजकोपमै मिला मो गई। महाउम्मिमा भाग . पपने पराल माइस पौर पदम्य यिमन के माय याघ्र मा जनिपर जहांगीग्ने उनमे विवाहको पछा प्रकट पर पाक्रमण कर उमे प्राण रहित कर दिया। सभी की, किन्तु मेहेरने अपने पतिहमारक के विवाह प्रता मोग उनकी गंमा करने लगे। बादशाहने लोगोंको यको घणांके माघ पाच किया। जहागीर समस्या दिखाने के लिये सम्हें और अफगान'की उपाधि दो। हारसे यहुत ही चिढ़ गये। उन्होंने महरको राजमाता फोर कोई कहते हैं कि, यह उपाधि धम्प कपर धारा यो किडरी नियत को पीर पर्च के लिए पाद गेश एज माप्त हुई थी। कुछ मो हो, मांगोग्ने मन ही मन रुपया देने के लिए दुग्न दिया। जहांगीर कुश दिौरे पायमा क्र. हो कर उनको मार डालन के लिए एक लिए महेर सम्निमाको मन गये। पछि मोरोग दिन मदोमा हाय! मगाया । प्रकम्मात् उनके गरीरके हरममें प्रवेश कर जहांगीरम देपा कि, मेहेरने मद परमे उम अधीको घताया गया। योरयर पोलिन। पोगाक पर मोहै। उनकी षषमरतो वपन से। एक पाघातमे मायोको मह जमीन पर गिरा दो। यम. फिर पा था. जहागीरकी पूर्वपिपासा दूनो प माधम गम ममाट ने पन्य को पाय न देख एक गी। वादगाहरम मातको मदन म उन्होंने मो दिन पनि समय पमीनि भयन में धामीम पत पपने गका हार मेहर गरें में डाल दिया। गुम घातकोशो मा दिया. शिन्तु ये भी कार्यमिमि बड़ी गागोत मा विवाद कार्य ममाम पाा कर गई। तमाम प्रयरमीको धर्य होते देव महागोरगे यादगार मेरिने कार्योंको पुननो पन गये। धननि म कुरोमको परदेग मला पोर समगे या क रको परसे न मम (महमको रोगनो) पोर पो दिया । "पमोकुमि पर लोधी सरहमे मोरनि नरजहान ( एपियो मुन्दरीको सपाधि दी। सादा मा . गो तुम उमEE RE पाट झमना ।" गोर प्रमती गत्ता मिना मिग कोई भी भाग FIR दगाएका पमिनाय जाहिर करने पर करते थे। गम्ाट्य तमाम पारव माशापामार