पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/१८९

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महागोर हद करने को कोगिग कर रहे थे। परम्सु मुगल लोग। वतमान थे ! परत जहांगीर के दरबारको टेम का उमममय पहमदनगरमें थे। इस मौके पर मालिक प्रत्यन्त विस्मित ए मे। जहागोर मर टमोरमार पम्पर दौलताबादमें राजधानी स्थापित कर स्याघोन | निष्कपटताका व्यवहार करते थे। माय: साद याद . भायमे राज्य कार्य चलाने लगे। गाह उन्हें माय रखते थे। १५१३१०में। फरवरी मांगोरने मानिक पावरको दमन करने के लिए ग्वा) अंग्रेजोक माय जो मन्धि एई यो, मर टमम-रोमेकी महान मोदी के मामायया एक दल मेना प्रयदुताबाकी हतर कर गये घे: यह मन्धि धेट हे माय पो पोर पधीनतामें भेज दो। परन्तु पचटुम्नाग्खाके 'धना किमोको इमो के नियमानुमार पंजोशो मेकदा पोह) रपये मलाइ लिए युद्ध करनेको प्रसर होने के कारण मालिक | पधिक पारदनोका महसून नहीं देना पड़ेगा, यह पम्पाने प्रचए विक्रममे सामना कर यादगाहो फोज स्थिर हुपा था । . . .: को परास्त कर दिया। अबदुमा मरधर्टी द्वारा विशेष यादगाहने चित्तोर जय करने पमिप्रायमे ११. भासियमा हो कर भाग गये । बजिहानने साहमो को कर ई. में जो सेमा भेलो यो, उसके पक्तशाय होने पर फिर उन पर पाकमान नहीं किया। कर हो कर ये मेना मंग्रह करने लगे। १९२१. १९१३. मूरत मोर पहमदनगरके गामनकर्ता. गेय भागमें उन्होंने अपने पुध एम (पीह गा !) पीक विगेप पनुरोध करने पर वादगाइने पंग्रेजोको | को प्रधानता एक दल ती गमा.भेजो। भारतमै रोजगार करनेफा हक दे दिया । माघ हो उम। जहांगीरने बार वार राणा अमरसिंग पराजित सोगों को मूरत, पश्मदावाद, काम्यो मोर गोया न घार हो कर १५१३१ में यह प्रतिमा यो कि, पजमेर पर नगरों में कोठी पनाने को भो इजाजत दे दो। इन्होंने चते हो ये पपने विजयो पुव पुरमफो राणा विरु पंषेत्रो मे एक दूत मांगा, जिमके पनुमार १६१५१०में | युद्ध करने के लिए भेजेंगे। यह प्रसिधाकार्य में भी परि. सर टममरो मूत बन कर जहांगोरके दरयारम पाये। ये | णत दुई। राणा निम्नहाय थे, क्योंकि रिन्दम्पागो जहांगोरफे दावार और चरिखका वर्णन कर गये हैं। या हिन्दू भोर पया मुमल्मान, सभी मोग प्रादगारको मर टममा रोनित है कि, जहांगीरक दैनिक नियम पदधूनिके मार्यो हो मुके थे। एक मात्र गिगोदोयाप इस प्रकार थे-पहने थे पामगा करते थे, फिर उनके जातीय गोरयमे उनसमस्त श या। ऐमोदगा पोर पाम ४ ५ नरके मुस्वादु पोर सुरतमाम माये जाते कितने दिनों तक ये महान पराकामा दियो माय है, जिनकी ये अपनो रमाके अनुमार योड़ा थोड़ा खा युट कर ममते घे । नगासार गुमनामी माय युडकर कर बीच बीच में गाय पोरे जात थे। इसके बाद ये ये कमगः बीमयम हो रहे रमको मेग्य मरमा पाम कमरे में जाते थे, जो विमा पानकि ट्रमरा कोई क्रमशः घट रहो यो । उधर दिनों बादाद मागोरने भीमती मा मकला था। यहा धेठ १५५ पाने गराम बार बार पराप्त होनके उपरामा समय मेना माय

  • पीने पर फिर पोम प्राप्त थे। मारे पन्ले जाने कुमार पुग्मको मेवारगौरय बग करने लिए और

पर २ घण्टे मोते थे। २ पप बाद जगा कर । दिया । राणा प्रमामि सने कटरिरागार . भोजन कराना पड़ता था; वाफोकी रात मो फर मोहो. परागीर प्रनामिक र धोने कारण .. पितात " म सामरी पोर भी कहतरकि, अब ये पता दिशी वादगार मा युद्ध करत . पहले पम पाय, राजमाया प्रत्येक विभागमे होको पार उममे पुल मोमकाInter पसार विमा यो। र पा कर देखा कि परमिकने लगोरको धीमता प्रोझार का तुम ... यह मतां वपिकमि पार मामय होन गो पाम गूप पोर हरिदामही म हानोरको र पौर नाममा मृाप कर उममे मोशन में अब पाहे पयोममा बोकारखा ममाचार मिलाम मीता गम होगा यदि उनि रामाशी पभय दे लिए पर मिपामा