पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/२०५

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१८२ नहान जादा न समाते थे-ऐसे जहाजको नौका कहनेमे । माल प्रमाता था। इमो समयमे अहाजका पाकार पत्युक्ति न होगो । फजैड नामक धर्मयुरके ममय | बदल कर उसमें उन्नति करनेकी कोगिय होने लगो। नशाको काफो समति हुई थी। इस समय भेमिम और भय १८वीं शताब्दीफे मध्यभागी पालमे चलनमाने जा जनोपाके लोग जहाज पर चढ़ कर तत्कालोन प्रधियोके नोको प्रथा उठा कर किस प्रकार टीम पावाश्मे घनमे ममप्र परिचित स्यानोम यागिजाके लिये आते थे। इन वाले नहाजों का प्रमत न एमा, उमको पालोचना की मगढ़के वीर राला मिउदय रिचार्ड (१९८८-११८८ जाती है। में) बड़े भारी जहाज पर चढ़ कर युह करने गये १७७७ ई में सबसे पहले एक लोहको गौशा थे। उनकी अधीनताम २३० जहाज युद्ध करते थे उम बनाई गई । बौद्ध ससौके पादर्श पर एक दो चार ममय मुसलमानों के भी बड़े बड़े जहाज थे। कहा जाता जहाज भी लोहेमे मनाये गये। कहा जाता है है, कि उनके एक अहान १५.० पादमी समाते थे। जब मकन्न गइ नहरमें "भालकान" नामका महान उस समय वाणिज्यके काम पानवाले महासोही में बन कर तयार हुआ, तभीमे लोहे. केजहान युपके समय पन-गनहारा समन्जित कर लिये मात | बनानेकी रिवाज पड़ गई। पहले पहल नी । घे-युपके लिए पृथक् जहाजो को सत्पत्ति उस समय | पोतके विपमें बहुताने बहुत प्रकारमे पापत्ति की . सक न हुई थी। थी, किन्तु पीके उमका व्यवहार होमेमे यह उनका परन्तु धर्म युद्धके बाद ही युरोपको जातियों में पायाय, मुंह बन्द हो गया । १८ मे १८७५ १. तक देश मम्बन्धीमानको हिदुई। उमके कुछ समय जहाजके लिए इम्पात काममें पाता रहा । काठके बहानी बाद, युरोपमें नयजागरणका पान्दोलन हुपा । यहांक की अपेक्षा लोहे और रम्पातमे बने हुए जहाजने तीन एक येणीके लोगोंकि उदयमें पृथियोके पपरिभात सुदूर | विशेषताएं पाई जाती हैं-(१) इमका भार वजन देशों में जानेको भाकाक्षा उत्पन हुई। उन्हीं लोगों को | कम होता है, (२) यह ज्यादा दिनों तक टिकान कोशिशमे जहाजको निर्माना-प्रणालोमे जमोन प्राम. होता है. (३) मरम्मत करने में बहुत मुभीता है। हम मानका फेर हो गया। उमो समय वाटका भी प्रावि उनतिमे जाने मे जहाजके द्वारा मानवममा का इसन । झार पुमा पोर माय हो जहाजमे तोप बैठाने के स्थान उपकार हुआ है कि लेखनीमे समका वन नहीं किया निर्दि किये गये। जा मकता। गर्न गहमें राजा ५म हेनरोने बहुत पड़े बड़े __यद्यपि ई०को १८वीं शताप्दो पामें दाप्पारा अहान बनवाये, जिनमें एक एक हजार टन माल | चालिन जहाज दो एक हो चुके थे, तथापि उसका . प्रमाता था। कोलम्ब मने जिम जहाज पर चढ़ कर यथार्यरुपमे व्यवहार १८वीं गतादोई प्रारम्भमे हो अमेरिकाका पाविष्कार किया था, उमपीका जहान पा। पहले यह अहार हा ले जाने के लिए हो "Carret" कहलाता है । यह देखने में छोटा होने पर व्यवहम होते थे, कारण पान के जहाजों को अपेक्षा या भी बात नेत्रोमे ज्ञाता है और पदा मवूम होता है। जल्दो पपमा घा१८३१ रनले हमें डाका पर्तुगीजॉन एक ताइका बड़ा अहाज पावित | झाम राजाकै हाथमे ले कर माधारन कम्पनीले कायम किया था, जिमका नाम था 'Barracks'माको १५वीं । मापा गया। "मभाना" मामक याप्पीय जलयान मामे मसाप्दी जमगुद्ध पकमर पा करता था पोर इमी. पहने पटमागिटक महामागर पार हो गया। १८० सिएगप पाटि देगामि एक प्रकारके युडके महा- में "fontrprie" नाममा एक याप्पयाम . 24 नौका पमना एरे गया था। मान भाद कर मारनमे उत्तम मारोगा माकीर गमाप्दो तोपोयामी जहाजोको दिनमें कनात पाया या। भारत टोम कहा माधार या यो. १५४ एट पोर उगने १५० रन ! अशा यही परमा शनिमाया ।